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Mar 28, 2017

Kanya pujan

नवरात्र के दिनों में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। कन्याओं को नो देवी का रूप मानकर उनका पूजन विधि बिधान से किया जाता है। कन्या पूजन करने से माँ दुर्गा maa durga प्रश्न होती है और अपने भक्तो को सुख सम्रद्धि का वरदान देती है।
       आपको बता दें दो वर्ष की कन्या कुमारी, तीन वर्ष की त्रिमूर्ती, चार वर्ष की कन्या कल्याणी, पांच वर्ष की रोहिणी , छः वर्ष की कालिका , सात वर्ष की चण्डिका, आठ वर्ष की शाम्भवी , नौ वर्ष की कन्या दुर्गा कहलाती है।
 

कैसे करें कन्या पूजन ( kaise karen kanya pujan )
कन्या पूजन का महत्त्व अष्ठमी को अधिक माना जाता है। परन्तु कई लोग सप्तमी से ही कन्याओं का पूजन करते हैं। व्रत करने बाले लोग नवमी व् दशमी को कन्या पूजन करने के बाद ही व्रत तोड़ते हैं । 
1.-  कन्याओं को भोजन कराने के लिए एक दिन पहले आमंत्रित करना पड़ता है ।
2.- वैसे तो नौ कन्याओं को भोजन करना शुभ माना जाता है। फिर आपकी श्रद्धानुशार 2 भी शुभ है।
3.- कन्याओं के आने पर उनके पग पानी के थाल में रखकर धोएं
4.- कन्याओं के माथे पर कुम कुम लगाएं और पुष्प अर्पित करें
5.- फिर माता का ध्यान करें और कन्याओं को भोजन करायें,
7.- भोजन कराने के बाद कन्याओं को भेंट दें और उनसे आशीर्वाद प्रदान करें।

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