Jan 22, 2020

भारत में सुस्ती का दुनिया पर असर ........................

भारत सरकार के तमाम दावो के बावजूद सकल घरेलु उत्पाद के वृद्धिदर कम  हुई है | BBC पोर्टल की खबर के मुताबिक भारत में उभरती अर्थव्यवस्था में नॉन बैंकिंग वित्तीय सेक्टर में मांग में कमी के कारण आर्थिक वृद्धि में धीमापन देखा गया है | बीबीसी ने अपने पोर्टल पर प्राथमिकता देते हुए लिखा है |  Gita Gopinathan ने क्यों कहा कि भारत की सुस्ती का दुनिया पर असर 


बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में IMF के कुछ आंकड़े भी शेयर किये हैं | उसने अपने पोर्टल पर लिखा है कि आईएमएफ़ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत, 2020 में 3.3 प्रतिशत और 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी | वहीँ दूसरी तरफ बीबीसी ने अपने पोर्टल पर कुछ twitter को भी शेयर किया है| आपको बतादें की एक न्यूज़ चैनल के इंटरव्यू में गीता गोपीनाथन ने कहा की साल 2019 में दुनिया के कई हिस्सों में असंतोष बढ़ा है | जिसका उदारण चिली और होन्ग कोंग हैं | भारत में सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर भी उन्हेंने कहा कि किसी भी सरकार के खिलाफ हो रहे आन्दोलन से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है |  
       IMF की रिपोर्ट के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है कांगेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदम्बर ने अपने ट्विटर हेंडल अकाउंट पर लिखा की " नोटबंदी के दौरान डॉ गीता गोपीनाथन भी निंदा
करने वालों में से एक थी | अन्य कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा,  मोदी और अमित शाह की जोड़ी भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रही है | 

कौन हैं गीता गोपीनाथ ?

IMF प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ भारतीय मूल की हैं | गीता ने 1992 में श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ओनर्स की डिग्री प्राप्त की दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स से हिमास्टर डिग्री और 1994 में वासिंगटन यूनिवर्सिटी चली गई | 1996 से 2001 अर्थशास्त्र पीएचडी की उन्होंने 40 से ज्यादा लेख लिखे हैं | आपको बतादें की IMF के इस पद पहुँचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं |

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