मनुष्य के अंदर एक जिज्ञासा है, जिसे शांत करना इतना आसान नहीं है | ऐसा ही उदारण है की सूर्य को आग गोला मानकर उसके सतह या उसके अंदर अधिक जानकारी जुटाना असंभव सा मन लिया गया था । आज पहली बार सूर्य की सतह के बारे में जानकारी जुटाने सम्भव हो गया, मनुष्य अगर ठान ले तो असम्भव भी सम्भव हो सकता है|
सूर्य की असली सतह का पहली बार खुलासा हुआ है | एक खबर के मुताबिक सूर्य की सतह सोने की तरह चमकती और मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाती है| हवाई द्वीप के टेलिस्कोप ने पहली बार सूर्य की इन तस्वीरों को दुनिया के सामने रखा है | हवाई द्वीप का इनोय टेलिस्कोप दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है | तस्वीरे साजा करते हुए बताया गया है की सूर्य की सतह मधुमक्खी के छत्ते के सेल की तरह है जो फैलती और सिकुडती है| जारी रिपोर्ट के मुताविक जब सेल सिकुड़ते हैं तब इनमे प्रबल ऊष्मा उत्पन्न होती है |
सूर्य की सतह पर जो सेल छोटे छोटे दिख रहे हैं, वास्तव में वो सेल छोटे नहीं है | बल्कि उनका क्षेत्रफल दुनिया एक एक बड़े देश के बराबर है | ये सेल सैकड़ों किलोमीटर में फैले हुए है| हमें ये सेल दूर से देखने पर छोटे दिखाई दे रहे हैं|
सेलों में प्रत्येक १४ सैकंड में होती है हलचल ......
टेलिस्कोप ने सूर्य की सतह का १० मिनट का वीडियो बनाया है जिसमे दिखाया गया है की सूर्य के इन सेलों में १४ सेकण्ड में उथल-पुथल होती है| खगोल वादियों का कहना है की इस उधल-पुथल का असर पृथ्वी पर पड़ता है| उन्होंने कहा कि सूर्य की सतह सक्रियताओं से भरी है जिनका असर सीधा प्रथ्वी पर पड़ता है|

सूर्य की सतह पर जो सेल छोटे छोटे दिख रहे हैं, वास्तव में वो सेल छोटे नहीं है | बल्कि उनका क्षेत्रफल दुनिया एक एक बड़े देश के बराबर है | ये सेल सैकड़ों किलोमीटर में फैले हुए है| हमें ये सेल दूर से देखने पर छोटे दिखाई दे रहे हैं|
सेलों में प्रत्येक १४ सैकंड में होती है हलचल ......
टेलिस्कोप ने सूर्य की सतह का १० मिनट का वीडियो बनाया है जिसमे दिखाया गया है की सूर्य के इन सेलों में १४ सेकण्ड में उथल-पुथल होती है| खगोल वादियों का कहना है की इस उधल-पुथल का असर पृथ्वी पर पड़ता है| उन्होंने कहा कि सूर्य की सतह सक्रियताओं से भरी है जिनका असर सीधा प्रथ्वी पर पड़ता है|