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Jun 22, 2020

जगन्नाथ रथ यात्रा 2020 : सुप्रीम कोर्ट की जगन्नाथ यात्रा को हरी झण्डी , जानिए क्यों मनाई जाती है रथ यात्रा ? ......

हर साल पुरी में बड़े धूम-धाम से मनाई जाने वाली पुरी की जगन्नाथ रथ  यात्रा कोरोना काल के बीच करने न करने को लेकर अनेक मतभेदों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है | पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा 2020 को कुछ शर्तों के साथ निकला जायेगा | ज्ञात हो इस बार पुरी में रथ यात्रा का आयोजन 23 जून 2020 को होना है | 
रथ यात्रा 2020 को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है | सुप्रीमकोर्ट ने कोरोना महामारी को देखते हुए रथ यात्रा 2020 को लेकर कुछ शर्तों के साथ आयोजन करने को कहा है | सुप्रीमकोर्ट के द्वारा कहा गया है ' राज्य और मंदिर न्यास के सहयोग से नागरिक स्वास्थ्य पर समझौता किये बिना रथ यात्रा 2020 का आयोजन किया जा सकता है | 
पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा 

रथ यात्रा 2020 पर रोक क्यों ?

ओड़िसा के नयागढ़ जिले के एक 19 साल के छात्र ने रथ यात्रा 2020 को लेकर याचिका दायर कर पुनर्विचार की अपील की थी | मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आफताब हुसेन नामके 19 वर्षीय छात्र ने पुरी की 2020 रथ यात्रा को लेकर दिए गए फैसले पर फिर से गौर करने के लिए कहा गया था | आपको बतादें याचिकाकर्ता ने  covid 19 का हवाल देते हुए रथ यात्रा को लेकर पुनर्विचार के लिए अपील की थी |

रथ यात्रा 2020 पर क्या कहा सुप्रीमकोर्ट ने ?

कोर्ट ने पूरी की जगन्नाथ यात्रा 2020 को लेकर हरी झंडी दे दी है | हरी झंडी देने के साथ साथ ही सुप्रीमकोर्ट के द्वारा आदेश में कहा है ' केंद्र और राज्य सरकार Covid 19 की गाइड लाइन के तहत रथ यात्रा का आयोजन करें | सुप्रीमकोर्ट ने कहा की यात्रा के दौरान यदि स्थिति हाथ से बहार जाती दिखाती है, तो राज्य सरकार उस पर रोक लगा सकती है | सुप्रीमकोर्ट के द्वारा कहा गया है , कि कोलेरा और प्लेग जैसी महामारी के बीच भी रथ यात्रा को सीमित नियमों और श्रद्धालुओं के बीच निकला गया था |  

रथ यात्रा क्यों मनाई जाती है ? 

'' पूरी में रथ यात्रा क्यों और कब मनाई जाती है ? '' ऐसे शायद कुछ लोग ही होंगें जिन्हें इसके बारे में पता नहीं होगा | रथ यात्रा को निकालने का कारण क्या है? और इसे क्यों मनाया जाता है | इन सबसे पहले आपको बतादें की रथ यात्रा भारत में मनाया जाने वाला बहुत ही प्रसिद्ध त्यौहार है | उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ के भव्य मंदिर से पुरी में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है| आषाढ़ शुक्ल की द्वितीय से दशमी तक लोगों के रथ यात्रा के पर्व को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है | 800 साल से मनाई जाने वाली रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु इक्कठे होते हैं | 
रथ यात्रा को मनाने के पीछे कुछ मान्यताएं हैं | कहा जाता है, की भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने भगवन जगन्नाथ से द्वारका दर्शन की इच्छा जाहिर की थी | माना जाता की भगवान जगन्नाथ ने बहन सुभद्रा की इच्छा को लेकर रथ तैयार करवाया और सुभद्रा को रथ में बैठाकर नगर में भ्रमण कराया था | 
कुछ मान्यताओं के अनुशार नीलांचल के राजा को समुद्र में एक विशालकाय काष्ठ दिखाई दिया था| कुछ सोच विचार के बाद राजा ने उस काष्ठ से विष्णु मूर्ति निर्माण कराने का निर्णय लिया | प्रभु की माया से बढ़ई के रूप में विश्वकर्मा स्वयं उपस्थिति हो गए | विश्वकर्मा एक शर्त पर ही मूर्ति के निर्माण के लिए राजी हुए | उनकी शर्त थी कि वह जहाँ मूर्ति का निर्माण करेंगें उस जगह किसी का प्रवेश नहीं होगा |  राजा ने वृद्ध बढई की बात मान ली और एकांत जगह पर मूर्ति निर्माण के लिए विशालकाय काष्ठ के साथ विश्वकर्मा जी को छोड़ दिया | बताया जाता है की आज जिस जगह जगन्नाथ मंदिर है, यह वही जगह है जहाँ मूर्ति निर्माण का कार्य किया जा रहा था | गलती से उस जगह महारानी प्रवेश कर गईं | जहाँ विश्वकर्मा के द्वारा मूर्ति निर्माण का कार्य किया जा रहा था | महारानी को बढई तो कहीं नहीं मिला लेकिन उसके द्वारा निर्मित अर्धनिर्मित 3 काष्ठ की मूर्ति मिली | जो भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम की थीं |राजा के दुखी होने पर आकाशवाणी हुई की दुखी मत हो हम इसी रूप में रहना चाहते हैं | आज भी वहीँ अर्धनिर्मित मूर्तियाँ मंदिर में शोभित हैं | 
             नगर देखने की इच्छा पर बहन सुभद्रा को श्री जगन्नाथ और बलराम ने रथ में बैठकर नगर भ्रमण कराया था | बहन सुभद्रा की रथ यात्रा पूरी में हर बर्ष बड़े उत्सव के साथ मनाई जाती है |  

Jun 13, 2020

Hindu Tample : महानदी विष्णु का 500 साल पुराना 60 फीट का मन्दिर

उड़ीसा महानदी के गर्व गृह से अचानक भगवान विष्णु के 500 साल पुराने ( 500 Years Old ) मंदिर लोगों के बीच आस्था का विषय बन गया | पुरातत्व विभाग की टीम एक लम्बे समय से इस मंदिर की खोज में थी | महानदी में सालों बाद दिखने वाले भगवान विष्णु के मंदिर ( Temple Lord Vishnu's ) के दिखने के बाद काफी संख्या में लोग उसे देखने पहुँचने लगे | 

500 years old temple find in mahanadi
Lord Vishnu Temple

कहाँ मिला भगवान विष्णु का 500 साल पुराना मन्दिर ?

हिन्दू धर्म के देव विष्णु का 500 साल पुराना मंदिर उड़ीसा ( Odisha ) के नयागढ़ जिले में महानदी से मिला है | इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हरिटेज की टीम के द्वारा महानदी में एक लम्बे समय से इस मंदिर की खोज की जारही है | पिछली बार यह मंदिर यहीं करीबन 11 साल पहले देखा गया था | कुछ न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई सालों से पानी के निचे छुपे इस मंदिर को नहीं देखा था |
Odisha 500 saal purana mandir mahandi me mila
Temple 

500 साल पुराना  विष्णु मंदिर का निर्माण काल 

ओड़िसा नयागढ़ की महानदी के पानी में डूबा मिला हिन्दू देव भगवान विष्णु का 500 साल पुराना मंदिर का निर्माण को लेकर पुरातत्व विभाग ने मन्दिर निर्माण के पत्थरों को देखकर  मन्दिर निर्माण काल के बारे में बताया है | पुरातत्व विभाग की टीम के अनुशार
" 60 फुट का यह मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान गोपीनाथ का है | इस मंदिर का निर्माण 15 वीं सदी के अंत में या 16 वीं सदी की शुरुआत का बना हुआ है | "
Mahanadi Tample
Mahanadi Tample

भगवान विष्णु के 500 साल पुराने मंदिर का इतिहास क्या है ?

जिला नयागढ़ महानदी के गर्वग्रह से निकले 500 साल पुराना मन्दिर जहाँ मिला है| उसी जगह पुराना पद्मबती गावं था, जो सात गावों का समूह था | जिसे उस समय सतपतना कहा जाता था | करीबन 150 साल पहले एक बाढ़ आने की बजह से महानदी के रास्ते में बदलाब आया | महानदी नदी का रास्ते बदलते ही पद्मबती गाँव नदी के आघोस में समा गया | एक रिपोर्ट के मुताबिक 19वीं सदी में महानदी के धार के बीच में भगवान गोपीनाथ मन्दिर के साथ करीबन 22 मंदिर भी डूब गये | स्थानीय लोगों के अनुशार महानदी में डूबे इन मंदिरों में से केवल गोपीनाथन मन्दिर का मस्तक ही कुछ समय पहले से कभी-कभी दिखता था | 

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