प्रस्ताव के पास होने पर आम आदमी कर सकेंगे सेना ज्वाइन
Tour of Duty प्रस्ताव के पास होने के बाद सेना में आदमी की जोनिंग का सपना पूरा
जल्द ही आपका भारतीय सेना में जॉब ( Job in Indian Army ) करने का सपना पूरा हो सकता है | कुछ मीडिया रिपोर्ट के मिताबिक भारतीय सेना ( Indian Army ) एक ऐसे प्रस्ताव पर बिचार कर रही है | जिसके द्वारा आम आदमी भी भारतीय सेना में 3 साल के लिए नौकरी कर सकेगा | प्रस्ताव पास होने के बाद आम आदमी का भारतीय सेना में नौकरी करने का सपना पूरा हो जायेगा |
आपके सपने को पूरा करने के लिए सेना के द्वारा एक प्रस्ताव पर बिचार किया जा रहा है | जिसका नाम है " टूर ऑफ़ ड्यूटी " 'Tour of Duty' ANI सूत्रों के हवाले से खबर में इस बात का जिक्र किया गया है | रिपोर्ट के मुताबिक Tour of duty प्रस्ताव के पास होने के बाद आम भारतीय नागरिक, सेना के पद के लिए आवेदन कर सकेगा | जिसका कार्यकाल 3 साल का होगा | दरसल Tour of duty प्रस्ताव पर मीडिया में चर्चाएँ तेज हो चुकी है | सेना के द्वारा इस प्रस्ताव पर कब तक अमल किया जा सकता है | इसकी कोई जानकारी नहीं है |
कोरोना महामारी ( Corona virus ) ने दुनिया World को ऐसा दर्द दिया सायद ही इसे भुलाना मुमकिन होगा | परन्तु कोरोना lockdown के चलते कुछ ऐसे positive effect सामने आयें | मानो एक लम्बे समय से प्रकृति इसके इंतजार में आखें सजोय बैठी हो | पिछले पोस्ट में अपने आप को बताया था, कि दिल्ली की हवा और यमुना का पानी कितना स्वच्छ हो गया है | साथ ही Lockdown के बड़े positive effect में बताया था की Ozone layer का सबसे बड़ा छेद भर गया है | आज की पोस्ट में हम चर्चा करने वाले हैं | Lockdown के positive effect का हमारे आस पास कार्बन गैस (CO2 ) कमी आई है |
Lockdown Positive effect
कोरोना महामारी मनुष्य के लिए अभिशाप बनके उभरी है , तो वहीँ यह प्रकृति के लिए वरदान साबित हो रही है | एक लम्बे समय से चल रहे Lockdown में प्रकृति अपनी स्वच्छता के लिए लगातार काम कर रही है | Lockdown के कारण बंद पडे तमाम कल कारखानों और व्यवसाय की बजह से जीवाश्म ईधन की मांग भी कम हुई है | जीवाश्म ईधन की खपत कम होने से देश में चार दशकों में पहली बार कार्बनडाईऑक्साइड का उत्सर्जन ( Carbon dioxide (CO2) emissions ) निचे लुडक गया है | एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार्बन डाईऑक्साइड ( co2 के उत्सर्जन में मार्च में 15 प्रतिशत और अप्रेल में 30 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली |
शोधकर्ताओं के मुताबिक कोयले से उर्जा बनाने का मार्च में 15 प्रतिशत और अप्रेल के पहले तीन हफ़्तों में 31 प्रतिशत तक कम हुआ | वहीँ लॉक डाउन की बजह से कम हुए वाहन के ईधन में भी कम खपत हुई है | ऐसे माना जाये की जीवाश्म ईधन के कम कफत की बजह से भी कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन का ग्राफ नीचे नीचे हुआ है |
Lockdown से भले है मानव जीवन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहो | परन्तु प्रकृति के लिए यह वरदान साबित हो रहा है | एक तरह से देखा जाए तो मानव जीवन में आये दिन प्रदूषण की समस्या का धीरे धीरे खात्मा हो रहा है | आपके आसपास की वायु कुछ हदतक प्रदूषण रहित हो चुकी है | कम हुए प्रदूषण की बजह से Ozone परत ( Ozone Layer ) पर इतिहास का सबसे बड़ा छेद भर गया है |
Ozone Layer
ओजोन परत ( Ozone Layer ) पर कितना बड़ा छेद है ? प्रथ्वी को बाहरी हानिकारक किरणों से बचने वाली Ozone Layer पर विज्ञानिकों ने दस लाख वर्ग किलोमीटर का छेद अप्रेल के शुरुआत में देखा था | विज्ञानिकों ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा Ozone परत पर छेद बताया था | गनीमत की बात यह थी की यह प्रथ्वी के दक्षीणी ध्रुव यानी अंटार्कटिक के ऊपर था | यह भी पढ़े -
क्या है ओजोन परत? Ozone परत ( Ozone Layer ) प्रथ्वी के वायुमंडल की एक परत है | ओजोन परत ( Ozone Layer ) के कारण ही प्रथ्वी पर जीवन संभव है | उल्लेखनीय हो की ओजोन पर सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से प्रथ्वी की रक्षा करती है | सूर्य से आने वाली 93.99% पराबैंगनी किरणों का अवशोषण Ozone परत ( Ozone Layer ) के द्वारा किया जाता है | ऐसी किरणें त्वचा कैंसर का प्रमुख कारण बनती हैं | यह प्रथ्वी की सतह के ऊपर वायुमंडल में 10-50 किमी में है |