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Jul 24, 2023

Hinglag mata Temple : गलाज मंदिर पाकिस्तान शक्ति पीठ की पौराणिक कथा

दुर्गा की 51 शक्ति पीठों में हिंगलाज देवी मंदिर ( Hinglaj devi temple ) पाकिस्तान में सैकड़ों सालों से है। बलूचिस्तान की संकीर्ण घाटी की पहाड़ी गुफा के अंदर बना हिंगलाज मंदिर पाकिस्तान ( Pakistan First's hindu temple ) में सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। हिंगलाज गुफा में विराजमान देवी सती का यह मंदिर हिंगौल नदी के तट पर , मकराना रेगिस्तान के  खेरथार पहाड़ियों की श्रृंखला के अंत में बना है। ( Hinglag mata Temple in pakistan history in hindi ) How to reach Hinglaj Devi temple in Pakistan from India

पाकिस्तान में कितने हिंदु मंदिर ? पाकिस्तान में बचे मन्दिरों के अस्तित्व

        Hinglaj मंदिर, एक छोटी प्राकृतिक गुफा ( cave of hinglaj devi temple) में बना हुआ है। जहाँ एक मिट्टी की वेदी बनी हुई है। देवी की कोई मानव निर्मित छवि नहीं है। बल्कि एक छोटे आकार के शिला की हिंगलाज माता के प्रतिरूप के रूप में पूजा की जाती है। शिला सिंदूर, जिसे संस्कृत में हिंगुला कहते है, से पुता हुआ है।


अमरनाथ गुफा, महादेव प्रमुख तीर्थ स्थल


हिंगलाज के आस-पास, गणेश देव, माता काली, गुरुगोरख नाथ दूनी, ब्रह्म कुध, तिर कुण्ड, गुरुनानक खाराओ, रामझरोखा बेठक, चोरसी पर्वत पर अनिल कुंड, चंद्रगोप, खारिवर और अघोर पूजा जैसे कई अन्य भी पूज्य स्थल हैं।


Hindu Tample : महानदी विष्णु का 500 साल पुराना 60 फीट का मन्दिर


पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त की लारी तहलीस में हिंगलाज माता का शक्ति पीठ, कराची से करीब 250 किलो मीटर की दूरी पर, पहाड़ियों के बीच में स्थित है। हिंगलाज माता को यहां हिंगुला माता या नानी का मंदिर भी कहते हैं। Hinglaj Devi, Hingula Devi and Nani Mandir आज भी भारत के गुजरात, राजस्थान, पंजाब और पूरे पाकिस्तान से श्रद्धालू यहां आते हैं। नवरात्रि के अवसर पर हिंगलाज देवी मेला लगता है। यहां तक कि हिंगलाज माता के भक्तों में पाकिस्तान के मुसलिम समुदाय के लोग भी शामिल हैं। वो लोग इस मंदिर को नानी का मंदिर और मां दुर्गा को बीबी नानी कहते हैं।

Pakistan Hindu temples Hinglaj mata
Hinglaj Temple pakistan image 

पाकिस्तान में  शक्ति पीठ की पौराणिक कथा ( Hinglaj mata mandir pakistan )


मां दुर्गा के शक्ति पीठों के बारे में आप सबने सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है, कि इन शक्ति पीठों में से एक पाकिस्तान में भी है। आज भी वहां मां दुर्गा का पूजन होता है। पौरिणिक कथा के अनुसार जब माता सती के अग्नि कुंड में समा जाने के बाद, महादेव उनके मृत शरीर को लेकर तांडव करने लगे। किदवंती के अनुशार विष्णू ने महादेव के क्रोध को कम करने के लिए माता के मृत शरीर पर सुदर्शन चक्र चला दिया, जहां जहां माता सती के अंग गिरे, उन स्थानों पर शक्ति पीठ की स्थापना हुई। इनमें से ही मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध शक्ति पीठ है हिंगलाज माता शक्ति पीठ ।  मान्यता है कि यहां हिंगलाज में माता सती का ब्रह्मरंध्र अर्थात सिर गिरा था। तब से यहां हिंगलाज माता के शक्ति पीठ की स्थापना हुई है। इस शक्ति पीठ का वर्णन शिव पुराण, देवी भगवती पुराण और कलिका पुराण आदि में मिलता है। हिंगलाज माता के भैरव कोट्टवीशा या भीमलोचन कहे जाते हैं। इनके अतिरिक्त यहां पर भगवान गणेश, माता काली और गोरखनाथ की धूनी भी स्थापित हैं 

    हिंगलाज माता मंदिर में आस्था केवल हिंदू ही नहीं वल्कि मुस्लिम लोग भी पूजा अर्चना।


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Jul 9, 2023

पाकिस्तान में कितने हिंदु मंदिर ? पाकिस्तान में बचे मन्दिरों के अस्तित्व

पाकिस्तान जहां आज भी मन्दिरों के अस्तित्व मौजूद है। ( Pakistan Historical Hindu temple ) इस Post में पाकिस्तान में मौजूदा मंदिरों के साथ ही आजादी के समय उपस्थित मन्दिरों के बारे में बताने वाले हैं। यह Post बहुत ही दिलचस्प होने वाली है|

    भारत- पाक विभाजन के समय पाकिस्तान की धरती के हिस्से में एक बड़ी संख्या में मंदिर मौजूद थे। लेकिन वर्तमान में मौजूद मन्दिरों की संख्या के आंकड़े, चौंकाने वाले हैं। यहां मंदिरो को तोड़कर उनके अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की गई।

Hindu temple Pakistan 

एक रिपोर्ट के अनुशार, विभाजन के समय पाकिस्तान के हिस्से में तकरीबन 428 मंदिर आए थे। पाकिस्तान में, शुरू से ही मन्दिरों के तोड़फोड़ की घटना सामने आती रहीं हैं। 90 के दशक में 406 मन्दिरों को तोड़कर उनकी जगह मस्जिद, रेस्टोरेंट, सरकारी स्कूल या सरकारी कार्यालय या आवास बना दिए गए। पाकिस्तान में हिंदू मन्दिरों के तोड़ने के बाद, वर्तमान समय में, पाकिस्तान में करीब 22 हिंदू मंदिर ही अस्तित्व में बचे हुए हैं। पाकिस्तान में बचे 22 मन्दिरों में से -  सिंध प्रांत में 11 , पंजाब में चार , पख्तुनख्वा में चार और बलूचिस्तान में तीन मंदिर बचे हैं। 


पाकिस्तान 2020 में मिले थे, विष्णु मंदिर के अवशेष

Vishnu Mandir in Pakistan


एक प्रतिष्ठित न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक , पुरातत्व विभाग की एक खोज के दौरान खुदाई करते समय पाकिस्तान के पश्चिम में 1300 वर्ष पुराने हिंदु मंदिर के अवशेष मिले थे। पुरातत्व की टीम ने अपनी रिपोर्ट में उस समय मिले अवशेष को विष्णु मंदिर के होने का दावा किया था। इस मंदिर के अवशेष खोज में इटली की पुरात्व टीम शामिल थी। 


पाकिस्तान में बचे 22 मंदिरों  जिसमें से, कई मन्दिरों में आज भी होती है पूजा ( HINDU TEMPLE PAKISTAN )

Biggest Hindu temple in Pakistan


पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को मिटाने के लिए कई तरह की घटना सामने आती रहीं है। 90 के दशक के बाद 406 मंदिरो का अस्तित्व खत्म  कर दिया गया। इस समय पाकिस्तान में हिंदू आस्था से जुड़े 22 मन्दिर बचे हुए हैं। इन 22 मंदिरो में से कई मंदिर खंडहर, तो कई मंदिरो में आज भी पूजा अर्चना की जाती है।

        पाकिस्तान में मौजुद मंदिरो का इतिहास बहुत पुराना है। हिंदु आस्था से जुड़े पाकिस्तान में उपस्थित मंदिरों के प्रमाण,  पुराणों में मौजूद हैं। पाकिस्तान के हिंदू मंदिरों में सबसे पहले हिंगलाज माता मंदिर आता है , उसके बाद रामदेवपीर मंदिर, बाबा बालाजी मंदिर, कृष्ण मंदिर लाहौर, उमरकोट शिव मंदिर, चूरियो जबल दुर्गामाता मन्दिर, चकवाल में कटासराज शिव मंदिर, कराची में पंचमुखी हनुमान मन्दिर, स्वामीनारायण मन्दिर करांची, सियालकोट का जगन्नाथ मंदिर , पेशावर का गोरखनाथ मंदिर शामिल हैं।


पाकिस्तान हिंगलाज माता मंदिर  ( HINGLAJ TEMPLE PAKISTAN )


Hinglaj Devi Temple Pakistan
Hinglag mata Mandir Pakistan


पाकिस्तान में हिंदुओ के प्रमुख मंदिरों में से हिंगलाज माता मंदिर, सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। 51 शक्तीपीठों में शामिल, हिंगलाज मन्दिर पर प्रतिवर्ष 2.5लाख से ज्यादा तीर्थयात्री भाग लेते हैं। हिंगलाज माता मंदिर पर पाकिस्तान की सबसे बड़ी हिंदू तीर्थ यात्रा होती है। 


रामदेव पीर मंदिर ( RAM DEV PIR TEMPLE PAKISTAN )


हिंगलाज माता मंदिर के बाद पाकिस्तान का सबसे प्रसिद्द रामदेव पीर मन्दिर है। इस मंदिर का निर्माण, पाकिस्तान सिंध प्रांत के टंडो अल्लाहार में 1859 में हुआ था। इस रामदेव पीर मन्दिर  पर तीन दिन का भव्य और पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा  मेला लगता है। 

Who was the largest Hindu temple?

कटासराज शिव मंदिर चकवाल ( KATAS RAJ TEMPLE CHAKWAL PAKISTAN )


पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में, नमक पर्वत श्रृंखला के बीच में कटासराज मन्दिर और कटाक्ष कुंड, पाकिस्तान में हिंदुओं का तीर्थ स्थल है। 5000 साल से मौजुद कटासराज मंदिर के साक्ष्य महाभारत काल से भी जुड़े हैं। कटासराज मन्दिर का इतिहास शिव और सती के वियोग का प्रतीक माना जाता है। कटाक्ष कुंड के बारे में कहा जाता है की,  यहां मौजूद कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंशुओ से बना है।

Katasraj temple pakistan in hindi


पंचमूखी हनुमान मन्दिर कराची ( PANCHMUKHI HANUMAN TEMPLE KARANCHI )


पाकिस्तान के कराची के इस्लामकोट में एक मात्र इकलौता राम मंदिर है। जिसे पंचमुखी हनुमान मन्दिर भी कहा जाता है। इस्लामकोट के पंचमुखी हनुमान मन्दिर में राम और भक्त हनुमान के साक्ष्य 1500 साल पुराने माने जाते हैं। 


 नरसिंह मन्दिर पाकिस्तान  ( NARSINGH TEMPLE PAPISTAN )


धार्मिक किदवंतियों के अनुसार भक्त प्रहलाद द्वारा निर्मित  नरसिंह मंदिर , भगवान विष्णु को समर्पित है। पाकिस्तान के मुल्तान शहर में मौजुद मन्दिर, प्रह्लादपुरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है,  नरसिंह भगवान ने, यहीं हिरण्यकश्यप का वध किया था।



सियालकोट का जगन्नाथ मंदिर या शवला तेज सिंह मन्दिर 


हिंदू कालीन सभ्यता के प्रमाण देता सियालकोट का जगन्नाथ मंदिर भव्य और पाकिस्तानी हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। विभाजन के बाद इस मंदिर को दर्शन के लिए बंद कर दिया गया था। बाद में हिंदू पाकिस्तानी नेताओं  के हस्तक्षेप के बाद, पाकिस्तान सरकार के द्वारा जगन्नाथ मंदिर को खोल दिया गया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित जगन्नाथ मंदिर में 2007 में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्थापित की गई। 

shivala teja singh temple
shivala teja singh temple

कराची का स्वामीनारायण मन्दिर

पाकिस्तान के कराची में स्थित श्री स्वामीनारायण मन्दिर भव्य और सुन्दर है। वर्तमान में इस मंदिर को पाकिस्तानी धर्मशाला के रुप में इस्तेमाल कर रहे हैं।


लाहौर का कृष्ण मंदिर ( KRISHNA MANDIR LAHOUR )

विभाजन के बाद पाकिस्तान में कई संख्या में कृष्ण मंदिर मौजुद थे। वर्तमान में बचे कृष्ण मन्दिर में से एक मन्दिर कराची में है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां हिंदू भक्तों के द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की संख्या दिन प्रति दिन कम होती जा रही हैं। इमरान सरकार ने कई हिंदू मंदिरों के जीर्णोउद्वार के लिए कदम उठाए थे। लेकिन आज भी पाकिस्तानी हिंदू मंदिरों पर हमले किए जाते हैं। 


आप हमे कमेंट बॉक्स में अपने सुझाव लिख सकते हैं। जो हमारे लिए महत्वपूर्ण होंगे।


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