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May 22, 2021

जानिए तुलसी के benefits और नुकसान ? कैसे करें तुलसी सेवन ....

आप जानते हैं।  तुलसी ( Tulsi ) के पौधे और उसकी पत्तियों में बहुत सारे औषधिक गुण ( tulsi ke fayde ) पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियों  में अनेक रोगों को दूर करने की क्षमता होती है। यह पौधा ( Tulsi ) भारत के हर घर में देखने को मिल जाता है। भारत में तुलसी को पवित्र और श्रद्धा से देखा जाता है। तुलसी ( Tulsi ) के पौधे का वर्णन आयुर्वेद में  विस्तृत रूप से किया गया है। आपको बतादें  कि प्रकृति के नियम के अनुशार अगर किसी वस्तु से फायदा ( Benefits ) है तो कुछ नुकसान ( disadvantages ) भी होगें।  इस पोस्ट में तुलसी के लाभदायक गुण ( Advantages ) और नुकसान ( Disadvantages ) के बारे में बात करेगें।  इस  पोस्ट में तुलसी के लाभदायक गुण कौन-कौन से हैं ? और ज्यादा मात्रा में तुलसी के सेवन से क्या परेशानी हो सकती ? के बारे में जानेगे।  साथ ही यह भी बतायेगें की तुलसी का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए? आगे बढ़ने से पहले आपको बतादें कि इस पोस्ट में तुलसी ( Tulsi ) के पत्ते से क्या फायदा और तुलसी के बीज से क्या फायदा होगा। 

tulsi benefits, tulsi advantage and disadvantage in hindi
Tulsi benefits 

तुलसी के फायदे

वैसे तो तुलसी का पौधा औषधिक गुणों से भरपूर है। लेकिन तुलसी की पत्तियों को सबसे ज्यादा गुणकारी माना जाता है। तुलसी पत्तीयों को सेवन ऐसे भी किया जा सकता है या तुलसी की पत्तियों और उनके बीजों का चूर्ण बनाकर भी उसका सेवन किया जा सकता है। 

    तुलसी के पत्तों में कफ, वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने के अलावा तुलसी बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद मानी जाती है।  आइये जानते हैं तुलसी के फायदे के बारे में 

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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार

इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में सही खानपान पर ध्यान न देने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। तुलसी के बीजों के चूर्ण का नियमित सेवन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी के बीजों का चूर्ण बनाकर उसकी दोगुनी मात्रा  मिश्री मिलाकर रख लें। सर्दियों के मौसम में प्रतिदिन इसमें से एक ग्राम चूर्ण का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 

मलेरिया में लाभकारी दवा तुलसी 

मलेरिया के लिए तुलसी का काढ़ा बहुत ही लाभकारी माना जाता है।  तुलसी  पत्तियों का काढ़ा बनाकर सुबह, दोपहर और शाम तीनों पहर पीने से मलेरिया में लाभ होता है। 

साँसों की दुर्गंध  

कई बार सांसो में आने लगाती है।  साँसों में दुर्गन्ध आना आपकी पाचन शक्ति का कमजोर होने के संकेत हैं। तुलसी के पत्तों में पाचन शक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है। तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से आपकी पाचन शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही साँसों से बदबू भी दूर होती है। 

खांसी , कफ के लिए 

तुलसी की पत्तियों (tulsi leaves in hindi) से बने काढ़े के सेवन से खाँसी , कफ को दूर किया जा सकता है।  कास-श्वास-तुलसी-पत्र (मंजरी सहित) 50 ग्राम, अदरक 25 ग्राम तथा कालीमिर्च 15 ग्राम को 500 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बनाएं और रोगी को आवश्यकता अनुशार चम्मच में दें। 

गले की समस्या में तुलसी 

मौसम में परिवर्तन  साथ ही गले में कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लगाती हैं।  मौसम में परिवर्तन होते ही गले में खरास , गले का बैठ जाना जैसी समस्या हो जाती है। गले में उत्पन्न समस्या को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलकर कुल्ला करें। ऐसा करने से गले में उत्पन्न विकार दूर होते हैं। 

तुलसी के ज्यादा सेवन से होने वाले नुकशान 

इस पोस्ट में आपको तुलसी के फायदे के बारे में बताया अब आगे तुलसी से होने वाले नुकसान के बारे में भी बात करेगें।  इस पोस्ट में तुलसी के 5 नुकशान भी जानेगें। तुलसी के नुकशान से बचने के लिए क्या करें और तुलसी का सेवन कैसे करें ?
  1. तुलसी के पत्तों में आयरन और पारा की मात्रा पाई जाती है। इसके साथ ही तुलसी की पत्तियों में आर्सेनिक भी पाया जाता है।  जो दातों को ख़राब कर सकता है। इसकी पत्तियों के अधिक चबाने से दांत ख़राब हो सकते हैं। 
  2. ऐसे लोग जो हेपरिन और वालफरीन जैसी दवाओं का सेवन करते हैं , तो आपको तुलसी के पत्तों का सेवन नहीं करना चाहिए।  तुलसी की पत्तियों में खून को पतला करने की ताकत होती है। 
  3. तुलसी के पत्ते में गर्म तासीर होती है।  इसका ज्यादा सेवन करने से पेट में जलन जैसे समस्या हो सकती है।  इसलिए तुलसी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। 
  4. तुलसी के पत्तों का सेवन गर्भवती महिलों को कम या नहीं करना चाहिए क्योकिं तुलसी में युजेनॉल नामक तत्व पाया जाता है। जो गर्व में पल रहे बच्चे की सेहत पर असर कर सकता है। 
  5. वे लोग जो डायबिटीज या हाइपोग्लाइसीमिया के मरीज हैं और शुगर की दवाइयां ले रहे हैं।  अगर वे तुलसी का सेवन करते हैं, तो उनके ब्लड शुगर में बहुत ज्यादा कमी आ सकती है।  जो उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।  ऐसे लोगों को तुलसी से सेवन से बचना चाहिए। 

तुलसी का सेवन कैसे करें 

तुलसी के बारे में इतना कुछ जानने के बाद अब यह भी सवाल है कि , तुलसी का सेवन कैसे करें ? आइये जानते हैं। 
  • तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाल कर सेवन किया जा सकता है। 
  • तुलसी की पत्तियों और बीजों का चूर्ण बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। 
  • तुलसी की पत्तियों का सेवन करने के लिए उन्हें कूटकर चाय में डालकर पी सकते हैं। 
  • तुलसी का सेवन करने के लिए आप बाज़ार में उपलब्ध टेबलेट तुलसी घनवटी इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 
  • तुलसी की पत्तियों को छाया में सुखाकर पीसकर इसका पाउडर बनाकर इसका सेवन कर सकते है। 

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