विश्वभर में फैली कोरोना महामारी की बजह से दुनिया में संकट के बादल छाए हुए हैं | आपने हमारी पिछली पोस्ट में पढ़ा " कोरोना काल के बाद मंदी काल " जहाँ IMF के द्वारा एक बयान आया था | जिसमें बताया गया था की कोरोना काल के बाद दुनिया भयंकर मंदी से गुजरने वाली है | विश्व में फैली भयंकर महामारी के चलते काम धंधे चौपट पड़े हुए हैं | दूसरी तरफ सभी देश COVID19 के कहर से पस्त हो चुके हैं | विश्व भारत की राह पर चलने को तैयार हुआ है | भारत में सोशल डिस्टेन्सिंग के कारण ही कोरोना संक्रमण केस अन्य देशों की अपेक्षा कम है | कोरोना के लड़ाई का मख्य हथियार सोशल डिस्टेन्सिंग ही है | दुनिया इस बात को पूरी तरह से समझ चुकी है | और इसी राह पर चल रही है |
कोरोना के कहर को पस्त करने में लगे देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है | उधर IMF ( International Monetary Fund ) की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है | अंतरास्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुशार वो मंदी आने वाली है जो पिछले 90 दसक में नहीं देखी गई |
यह भी जानिए -
भारतीय मूल की एवं IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथन ने का मानना है, आने वाले दो साल में विश्व GDP ( सकल घरेलु उत्पाद ) की नौ अरब डोलर के आसपास बर्बाद होने आशंका है | गोपीनाथन का मानना है, विश्व के बड़े बड़े देश कोरोना को पस्त करने में फंसे हुए है | जिसके कारण विकशित और विकाशील देश दौनों ही मंदी के चक्र में फंस जायंगें |
भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक भारत 1.9 प्रतिशत की विकास दर होने के बाद भी बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा| दूसरी तरफ चीन की विकास दर 1.2 रहने का अनुमान है | जो 1976 के बाद की सबसे धीमी विकासदर है | वहीँ अमेरिका को अपनी कुल विकास दर का 5.9 फीसदी का नुकशान उठाना पड़ सकता है |
वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक की रिपोर्ट को देखा जाए तो भारत की विकास दर अन्य देशों की अपेक्षा अच्छी होगी |
No comments:
Post a Comment
आप हमें आपके विचार लिख सकते हैं | आपके दिए गए सुझाव हमारे लिए आवश्यक हैं | Google news पर Update पाने के लिए हमें follow करें - Our Nation