उत्तर कोरिया के तानासाह को लेकर काफी कयास लगाये जा रहें हैं | लेकिन उनके ठिकाने का कोई पता नहीं चला है | उनकी Location के बारे में लगातार कयास लगाये जा रहे हैं | मुद्दा अन्तराष्ट्रीय मीडिया में छाया हुया है | दरसल उत्तर कोरिया ( North Korea ) में राजशाही है, और किम जोंग-उन ( Kim Jong-Un ) वहां के तानाशाह शासक | किम जोंग उन ( Kim Jong-Un ) अपनी हठीली आदतों के लिए जाने जाते हैं |
किम जोंग उन के, एक साथ उत्तर कोरिया ( North Korea ) से गायब हो जाने की खबर से विश्व की निगायें उत्तर कोरिया की हलचल पर टिकी हुई हैं | दुनिया में किम जॉन उन को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है | गौरतलव है कि तानाशाह शासक किम जोंग उन को 15 अप्रेल से नहीं देखा गया इसके बाद ही उनके स्वस्थ को लेकर मीडिया में खबरों का सिलसिला शुरू हुआ था | कुछ खबरों में दावा किया जा रहा था की किम जोंग 12 अप्रेल को लड़ाकू विमान परिक्षण में घायल हो गए थे | अभी तक उनके स्वस्थ को लेकर कोई अच्छी खबर नहीं आई है | और नहीं उनके ठिकाने का अभी तक किसी भी तरह का कोई पता है |
यह भी जानिए -
किम यो जोंग ( Kim Yo Jong ) संभाल सकती है उत्तर कोरिया की गद्द्दी
किम जोंग उन के अस्वस्थ होने की खबर के अटकलों के बीच दक्षिण कोरिया ने एक विश्लेषण रिपोर्ट को दावा किया कि 32 साल की किम यो जोंग उत्तर कोरिया की गद्द्दी सम्भाल सकती हैं | कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काफी समय से तानाशाह की छोटी बहन के गद्दी सँभालने की अटकलें बहुत तेज हुई है | योनहाप न्यूज एजेंसी ने बताया है कि इस महीने की शुरुआत में उत्तर कोरिया के सुप्रीम पीपुल्स असेंबली की नवीनतम बैठक के आधार पर एक विश्लेषण रिपोर्ट में, दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली रिसर्च सर्विसेज ने बुधवार को यह अनुमान लगाया कि उत्तर कोरिया में 32 वर्षीय किम यो-जोंग को देश के उत्तराधिकारी के रूप में चुना जा सकता है और वह देश की नींव को मजबूत करेंगी।
देश में शासक के होने के बाद कुछ बाहरी विशेषज्ञों ने उत्तर कोरिया में संभावित अव्यवस्था के बारे में आशंका जताई जताई है | विशेषज्ञों ने दावा किया था अगर किम जोंग उन के अनुपस्थिति में अगर उनकी बहन कुछ चुनिन्दा अधिकारीयों के साथ सत्ता हाथ में ले लेती हैं तो वह उथल पुथल को उत्तर कोरिया में बचा सकती हैं |
उत्तर कोरिया की अमेरिका और चीन को चिंता
अमेरिका के लिए उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी चिंता उसके परमाणु हथियार हैं जो इस्तेमाल हो सकते हैं या किसी दुसरे देश को बिक सकते हैं | वहीँ दूसरी तरफ चीन इस कमजोर देश को अपनी स्थिरता सुरक्षा के लिए अहम् मानता है | गौरतलब हो की उत्तर कोरिया के लिए सहायता का मुख्य श्रोत चीन ही है | चीन की सबसे बड़ी चिंता अमेरिका और दक्षिण कोरिया को लेकर है | उसको असंका है कहीं ये देश उसकी सीमाओं का संचालन चीन के खिलाफ न करें |
पाक और उत्तर कोरिया की दोस्ती , भारत के लिए खतरा
उत्तर कोरिया की नींव पाकिस्तान के बनाने के एक साल बाद यानि सन 1948 में रखी गई थी | जिस तरह पाकिस्तान में सेना के हाथ में कमान है उसी तरह उत्तर कोरिया की सेना की व्यवस्था शासक ही संभालता है | पाकिस्तान और उत्तर कोरिया की गहरी दोस्ती एक लम्बे समय से है | पाकिस्तानियों को उत्तर कोरिया में जाने के लिए आसानी से वीजा मिल जाता है सन 1970 से पाकिस्तान और उत्तर कोरिया की दोस्ती में एक नया मोड़ आया जब पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने लम्बी दूरी की मिशाइल नार्थ कोरिया से खरीदे | और बदले में उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीकी दे दी यही नहीं पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया के छात्रों को पाकिस्तान की Univercity में पढ़ने के लिए प्रात्साहित किया | यह सिलसिला आगे चलता रहा पाकिस्तान और उत्तर कोरिया एक दुसरे की सैन्य सहायता में मदद करते रहे |
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