Corona virus ( Covid 19 ) इस समय दुनिया में लगभग 3.32लाख लोगों को संक्रमित कर चूका है | दूसरी तरफ बात की जाए तो करीबन 14587 लोग इस वायरस की बजह से अपनी जान गवां चुके हैं | यह दुनिया में 157 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चूका है | आपको बता दें की यह अकेला वायरस नहीं है| इससे पहले भी SARS और MERS नामक वायरस भी इंसानी शरीर पर हमला कर चुके हैं |
कोरोना वायरस किस तरह से मानव शरीर पर हमला करता है | आइये जानते हैं
एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस तैलिय लिपिड के बुलबुले के अन्दर होता है| लिपिड के उपर प्रोटीन के कांटे ( Spikes ) निकले होते हैं | यह आपके शरीर के अन्दर और कोशिकाओं तक पहुचने के लिए नाक, आँख और मुहँ से प्रवेश करत है| आपकी शारीर की कोशिकाए ECE 2 नमक प्रोटीन पैदा करतीहैं | कोरोना के प्रोटीन कांटे ACE 2 प्रोटीन से जुड़ जाते हैं और इसके बाद में वायरस के तैलीय बुलबुले फुट जाते हैं| जिससे वायरस के RNA शरीर की कोशिकाओं में घुस जाते हैं| इसके बाद हमारी कौशिकाएं Nagetive वायरल प्रोटीन बनाना शुरू कर देती हैं
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इससे हमारी कौसिकाओं के अंदर नए कोरोना वायरस पैदा होने लगते हैं इसके बाद इंसान के शरीर में ही शुरू हो जाती है कोरोना वायरस की एसेंबलिंग | शरीर के अंदर क्रमित हर कोशिका लाखों वायरस बना सकती हैं| अंत में इंसानी शरीर की कोशिकाएं मरने लगती हैं | फिर धीरे से ये वायरस फेफड़ों में पहुंचकर ऑक्सीजन की प्रक्रिया को बाधित करने लगता है | इस स्थिति में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोध छमता कम होने लगती है | जब परस्थिति गंभीर होने लगाती है तो हमारा ह्यूमन सिस्टम फेफड़ों की कोशिकाओं पर हमला करने लगता है| इस तरह मरी हुई कोशिकयो के रूप में शरीर में काफ बनाने लगता है| कोशिकाओं के संक्रमण होने की बजह से सांस लेने में समस्या उत्पन्न उने लगती है | जिससे संक्रमित रोगी की मौत हो जाती है |
फ़िलहाल अभी तक कोरोना वायरस भी कोई वेसिन नहीं बनी है | इसलिए इसके ईलाज रूटीन की दावों से किया जा रहा है | कोरोना वायरस से बचने के लिए हमें निमित रूप से अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहना चाहिए | साबुन से हाथ धोने से कोरोना की तैलीय लिपिड से बनी परत नष्ट हो जाती जिससे वायरस का RNA कमजोर हो जाता है| हाथो से अपने चहरे को छूने बचें
कोरोना वायरस किस तरह से मानव शरीर पर हमला करता है | आइये जानते हैं
एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस तैलिय लिपिड के बुलबुले के अन्दर होता है| लिपिड के उपर प्रोटीन के कांटे ( Spikes ) निकले होते हैं | यह आपके शरीर के अन्दर और कोशिकाओं तक पहुचने के लिए नाक, आँख और मुहँ से प्रवेश करत है| आपकी शारीर की कोशिकाए ECE 2 नमक प्रोटीन पैदा करतीहैं | कोरोना के प्रोटीन कांटे ACE 2 प्रोटीन से जुड़ जाते हैं और इसके बाद में वायरस के तैलीय बुलबुले फुट जाते हैं| जिससे वायरस के RNA शरीर की कोशिकाओं में घुस जाते हैं| इसके बाद हमारी कौशिकाएं Nagetive वायरल प्रोटीन बनाना शुरू कर देती हैं
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इससे हमारी कौसिकाओं के अंदर नए कोरोना वायरस पैदा होने लगते हैं इसके बाद इंसान के शरीर में ही शुरू हो जाती है कोरोना वायरस की एसेंबलिंग | शरीर के अंदर क्रमित हर कोशिका लाखों वायरस बना सकती हैं| अंत में इंसानी शरीर की कोशिकाएं मरने लगती हैं | फिर धीरे से ये वायरस फेफड़ों में पहुंचकर ऑक्सीजन की प्रक्रिया को बाधित करने लगता है | इस स्थिति में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोध छमता कम होने लगती है | जब परस्थिति गंभीर होने लगाती है तो हमारा ह्यूमन सिस्टम फेफड़ों की कोशिकाओं पर हमला करने लगता है| इस तरह मरी हुई कोशिकयो के रूप में शरीर में काफ बनाने लगता है| कोशिकाओं के संक्रमण होने की बजह से सांस लेने में समस्या उत्पन्न उने लगती है | जिससे संक्रमित रोगी की मौत हो जाती है |
फ़िलहाल अभी तक कोरोना वायरस भी कोई वेसिन नहीं बनी है | इसलिए इसके ईलाज रूटीन की दावों से किया जा रहा है | कोरोना वायरस से बचने के लिए हमें निमित रूप से अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहना चाहिए | साबुन से हाथ धोने से कोरोना की तैलीय लिपिड से बनी परत नष्ट हो जाती जिससे वायरस का RNA कमजोर हो जाता है| हाथो से अपने चहरे को छूने बचें
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