नजर दोष क्या है ( what is najar dosh )
किसी व्यक्ति का स्वास्थय ठीक नहीं रहता है। या कारोबार में एक दम हानि होने लगती है।
या आपके हँसते खेलते परिवार में आये दिन झगड़े शुरू हो जाते है। लोग कहते है कि शायद नजर लग गई।
प्रिय पाठक वास्तव में नजर दोष है। और इससे बचने के उपाय भी हैं। आज हम आपको इसके बारे में बताएँगे
किसी व्यक्ति का स्वास्थय ठीक नहीं रहता है। या कारोबार में एक दम हानि होने लगती है।
या आपके हँसते खेलते परिवार में आये दिन झगड़े शुरू हो जाते है। लोग कहते है कि शायद नजर लग गई।
प्रिय पाठक वास्तव में नजर दोष है। और इससे बचने के उपाय भी हैं। आज हम आपको इसके बारे में बताएँगे
आइये जानें कैसे लगती है नजर
लोगों की आंखों में एक एनर्जी होती है जो मन की भावना के अनुसार प्रवाहित होती है। किसी की निगेटिव एनर्जी से प्रभावित होने को ही नजर लगना कहते हैं।
जाने अनजाने लोगों की नजरें लग जाती हैं। नजर दोष लगने पर अक्सर लोग सोचते हैं कि किसी दुश्मन ने नजर लगा
दी है। लेकिन ऐसा नहीं है नजर najar किसी की भी लग सकती है कई बार तो मां की नजर भी बच्चे को लग जाती है। इसलिए यह नहीं सोचना चाहिए कि यह दुश्मन का ही काम है। बस इसका उपचार कर लेना चाहिए।
लोगों की आंखों में एक एनर्जी होती है जो मन की भावना के अनुसार प्रवाहित होती है। किसी की निगेटिव एनर्जी से प्रभावित होने को ही नजर लगना कहते हैं।
जाने अनजाने लोगों की नजरें लग जाती हैं। नजर दोष लगने पर अक्सर लोग सोचते हैं कि किसी दुश्मन ने नजर लगा
najaar dosh |
नज़र दोष के लक्षण
चिडचिडा स्वभाव होना , मन में कुंठाओ का पैदा होना , शारीरिक या मानसिक शक्ति का कम हो जाना, आलस्य पैदा होना, स्मरण शक्ति का कम हो जाना , जिम्मेदारियों का अहसास न होना
मुख्य रूप से नज़र व्यक्ति के गुणों को छुपा देती है. व्यक्ति अपने सामान्य व्यवहार और कार्य क्षमता को भूलने लग जाता है उसके गुण छिप जाते है या उसे दिखाई नहीं देते और वो लक्ष्य भूल जाता है. नज़र व्यक्ति के आँखों के सामने एक धुंद का निर्माण करती है जिसमे व्यक्ति के गुण खो जाते है. ये ख़ास तौर से उन लोगों द्वारा लगती है जिनमे जलन, इर्षा, का भाव रहता है. ये वे लोग होते है जो खुद के सुखो को भूल दुसरे व्यक्ति के सुखो पर ध्यान देते है !
मुख्य रूप से नज़र व्यक्ति के गुणों को छुपा देती है. व्यक्ति अपने सामान्य व्यवहार और कार्य क्षमता को भूलने लग जाता है उसके गुण छिप जाते है या उसे दिखाई नहीं देते और वो लक्ष्य भूल जाता है. नज़र व्यक्ति के आँखों के सामने एक धुंद का निर्माण करती है जिसमे व्यक्ति के गुण खो जाते है. ये ख़ास तौर से उन लोगों द्वारा लगती है जिनमे जलन, इर्षा, का भाव रहता है. ये वे लोग होते है जो खुद के सुखो को भूल दुसरे व्यक्ति के सुखो पर ध्यान देते है !
इसके लिए कुछ प्रचलित टोटके हैं जो वर्षों से प्रयोग किए जाते हैं। आप चाहें तो इसे आजमा सकते हैं। कहीं से काले घोड़े की नाल मिल जाए तो इसकी अंगूठी बनवाकर पहन लें। माना जाता है कि इससे कभी नजर नहीं लगती है
यदि किसी व्यक्ति या बच्चा बुरी नज़र से कष्ट भोग रहा है तो मै आपको कुछ सरल उपाय बता रहा हूँ. मेरा विश्वास है आप बहुत जल्दी फायदा महसूस करेंगे.
सरसों के तेल में रुई की बत्ती को भिगो कर रख ले. एक संडासी / चिमटा, माचिस, मग (छोटा पात्र) जल भरकर सभी चीजो को साथ में रख ले. बच्चे को सामने बिठा कर घडी की विपरीत दिशा में सात, ग्यारह या इक्कीस बार घुमा कर संडासी की सहायता से पकड़ कर जला दे. ध्यान रहे जलने पर बत्ती से तेल निचे रखे पात्र में ही गिरे. बत्ती पूरी जल जाने पर पानी बाहर फ़ेंक दे.
सात लाल मिर्च, एक चम्मच राई, एक कागज़ में रख कर (7 / 11 / 21 ) बार उसार कर गैस पर रख जला दे. गैस के निचे एक बड़ा कागज़ पहले से ही रख दे ताकि जब कागज जलने के बाद राख उसमे आ गिरे. राख को इकट्ठा कर निचे वाले कागज में समेत कर बाहर फेक दे.
यदि नज़र किसी बड़े व्यक्ति को लगी हो तो राई, नमक, प्याज़ के छिलके, सूखी लाल मिर्च, कोयले या छाना (गाय के गोबर सूखा हुआ) दोनों में से कोई भी ले कर पहले जला ले जब ये अंगारे का रूप ले तो बाकी चीजे इसमें दाल कर नज़र लगे व्यक्ति पर से उसार कर अंगारे समेत बाहर फ़ेंक दे.
पीड़ित व्यक्ति २ लोंग लेवे अपने ऊपर से 11 बार उसार कर चोराहे पर फ़ेंक दे और पीछे मुड़कर ना देखे. सात दिनों तक लगातार ये उपाय करे.
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