एक बार जरूर पढ़ें
देश की राजनीति में जूते का एक फैसन सा हो गया है। ऐसा लग रहा मानो हमारी राजनीति का जूता काल शुरू हो गया है। सांसद या विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री यहाँ जूतेकी राजनीति अब आम हो गई। अच्छा अब आप सोच रहे होंगे कि में इसे जूते की राजनीति क्यों कह रहा हूँ तो आये आपको बताते हैं
अभी हाल ही में 18 अप्रैल 2019 दिल्ली के BJP #मुख्यालय में Bjp प्रवक्ता जेबीएल नरसिम्हा राव जी द्वारा प्रेसवार्ता की जा रही थी। प्रेसवार्ता शुरू ही हुई थी कि मंत्री जी को सामने से एक जूता आते दिखा। मंत्री जी सम्भल तो गए और जूता से बच भी गये। बाद में जूता फेंकने वाले को मंत्रीजी के अंग रक्षकों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। और उसकी अच्छी खबर भी ली गई।
आयी अब आपको दूसरी घटना की और लेकर चलते हैं।
अभी हाल ही में 18 अप्रैल 2019 दिल्ली के BJP #मुख्यालय में Bjp प्रवक्ता जेबीएल नरसिम्हा राव जी द्वारा प्रेसवार्ता की जा रही थी। प्रेसवार्ता शुरू ही हुई थी कि मंत्री जी को सामने से एक जूता आते दिखा। मंत्री जी सम्भल तो गए और जूता से बच भी गये। बाद में जूता फेंकने वाले को मंत्रीजी के अंग रक्षकों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। और उसकी अच्छी खबर भी ली गई।
आयी अब आपको दूसरी घटना की और लेकर चलते हैं।
आप को याद होगा कुछ समय पूर्व बीजेपी के एक बाहुवली सांसद और उनके विधायक के बीच किसी पट्टिका पर नाम को लेकर विवाद हो गया विवाद इतना बड़ा की बात जुते तक जा पहुंची। सांसदजी ने विधायक जी पर जूतास्ट्राइक शुरू कर दी। दे जूता औरले जूता काफी देर तक चला बाद में विधायक जी के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। यहाँ तक कि डीएमकार्यालय में भी तोड़ फोड़ की गई। विधायक जी के समर्थकों का कहना था कि आरोपी सांसद जी पर कार्यवाही की जाए। बाद में पार्टी के वरिष्ठनेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा दिया गया।
7 अप्रैल 2014 को #माननीय गडकरी जी पर भी भीड़ से निकलर एक शख्स ने जूता फ़ेंका जूता औऱ भी कई इसी जूते की घटना है, फिर चाहे वो केजरीवाल के लिये हो या कन्हैया कुमार के लिए।
इन सभी जूता मार घटनाओं के देखकर ऐसा महसूस हो रहा है कि देश की #राजनीति आने वाले समय से जूते से ही चलने वाली है।
शास्त्रो के अनुसार एक समय था । जब भगवान श्री राम को वनवास हो गया था। भरत ने श्री राम से अनुरोध किया और कहा भाई मुझे आप अपनी चरण पादुका दे दीजिए जिसके सहारे में अयोध्या का शासन चलेगा। उस समय भरतजी ने राम की चरण पादुका को सिंहासनपर रख कर राज्य किया।
और अब ये कलयुग के दौर में हर एक जूते की चाहत होगी कि में किसी #सांसद या किसी ऐसे शख्स के पैर में हूँ । जो मुझे उतारकर राजनीति के सर पर पटक सके। और हो भी क्यों नहीं #पॉपुलरटी तो 2 सेकण्ड में मिल सकती है।
अब देखना ये है कि राजनीति का जूता काल कब तक चलेगा।
Hamari rajnityi ka kya kahana
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