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May 9, 2020

क्या Labor Low बदलने से निवेश आएगा | जानिए क्या है ? नया श्रम कानून 2020

हाल में देश के कई राज्यों में श्रम कानून ( Labor law )  में बदलाब किये हैं | श्रम कानून संशोधन 2020 उत्तर प्रदेश ( UP), मध्य प्रदेश ( MP )  के साथ ही गुजरात ( Gujarat ) में लेबर लो में वर्किंग ऑवर  ( Change Labor Working hour 2020  ) को 8 घंटे की जगह 12 घंटे को मंजूरी दी गई है | सरकार के द्वारा कहा गया है, कि 12 घंटे वही मजदूर काम करेंगें जो अपनी स्वेच्छा से करना चाहेंगें | दूसरी तरफ  ट्रेड यूनियन ( Trade Union ) मजदूर संघ के द्वारा सरकार के नए श्रम  कानून 2020 ( Lebor Law ) का विरोध किया जा रहा है | श्रम कानून ( ( Labor Law ) के बिरोध करने की बजह क्या है | और लेबर कानून पर सरकार का क्या तर्क है | इसे सरल भाषा में समझने के लिए आप ये पोस्ट अंत तक पढ़े | 
Why is new Labor Law 2020

लेबर कानून पर सरकार का तर्क क्या है? 

( What is the government's argument on labor law ? ) 
गुजरात ( Gujarat ) , यू.पी ( UP ) और मध्यप्रदेश ( MP )  की सरकारों ( Goverment ) के द्वारा हाल में ही Leber low में किये गए बदलाबों से देश में रोजगार पनपने और उद्धोग  धंधो में बढोत्तरी होने का तर्क दिया है | और Working Hour 8 घंटे से बढाकर 12 घंटे कर दिया गया है | माना जा रहा है, तक़रीबन 1000 विदेशी कंपनियां चीन छोड़ने के लिए तैयार हैं | कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है, कि ये कम्पनी  भारत में निवेश के लिए तैयार हैं|  भारत में निवेश के लिए इन विदेशी कम्पनियों को China की तर्ज पर ही मजदूरों को उपलब्धता होने से और भी कई कम्पनी भारत में निवेश करना चाहेंगी | कंपनियों के निवेश से देश में रोजगार की उपलब्धता होगी | माना जाये तो श्रमिकों के कार्य करने के समय में बदलाब चाइना मोडल पर आधारित है |  
क्या है ? चाइना working model 
दरअसल विश्व को कोरोना का दर्द देने  वाले  चीन में  कई जापानी, अमेरिकी और अन्यविदेशी कम्पनिओं के Manufacturing यूनिट हैं | वहां कोरोना वायरस से पहले मजदूर labor आसानी से और सस्ते मिल जाते थे | दूसरी तरफ चाइना में मजदूरों के काम करने का समय 996 पर आधारित है | इसका मतलब है, कि सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक, हप्ते में 6 दिन काम |
        
नए श्रम कानून 2020 का विरोध क्यों ?
 ( Why the opposition to the new Labor Law 2020? )

नए श्रम कानून पर अभी राष्ट्रपति की मुहर लगना वाकी है | और दूसरी तरफ लेबर कानून  को लेकर विरोध होना शुरू हो गया है | विरोध करने वाले,नए लेबर कानून 2020 को श्रमिक विरोधी बता रहे हैं | नए श्रमिक कानून के लागू होने के बाद, अन्य सभी मजदूरों के हक़ में, पुराने श्रम कानून स्वतः ही  निष्प्रभावी हो जायेंगे | आपको बतादें, कि नए श्रम कानून के आने के बाद तीन साल तक सस्थाओं की जाँच आदि नहीं हो पायेगी | 
मुमकिन है की सरकार के द्वारा नए श्रम कानून संशोधन 2020 से उद्धोग धंधो को बढ़ावा मिले | देश में विदेशी कम्पनियों निवेश करें | नौकरियों को भी बढ़ावा मिले | लेकिन कानून के पारित होने के बाद, श्रमिकों का शोषण करने वालों को एक नया हथियार मिल जायेगा | इस समय इतना कड़क कानून होने के बाद भी, कई घटना श्रमिकों के शोषण की सामने आती हैं | पुराने कानून से कुछ हद तक श्रमिकों का शोषण करने से कई फैक्टरी मालिक डरते भी थे | श्रमिक की शिकायत पर सम्बंधित अधिकारी जाँच कर सकते थे | नये श्रम कानून 2020 आने के बाद ये सारी चीजें ख़त्म हो जायेगीं |

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