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Apr 14, 2016

मूत्र रोग

मूत्र रोग
पेशाब का बारबार आना, बून्द बून्द कर पेशाब आना, मूत्र के साथ घात या बीर्य आना , पेसाब न आना जिससे पेट फूलन  ऐसे रोगों के इलाज के लिए आप ये घरेलु उपाय करसकते हैं।
घरेलू उपचार-
 
मूत्र घात रोग


1. गोंखरु के पौधे को जड़ तना फल पत्ती व फूल सहित पीस कर काढ़ा तैयार करें। उसमें  मिश्री मिलाकर सेवन करें ललभ होगा।
2. कबूतर की बीट को पीसकर गर्म करके पेड़ू पर लेप करके बांध दें। सूती कपडे को गर्म पानी में भिगोकर सिंकाई करने से पेशाब में घात का आना बंद हो जाता है।
3. कटेरी ( पौधे के पत्ते कांटेदार होते हैं )फल के रस में छाछ मिलाकर छानकर पीने से मूत्रघात का रोग दूर हो जाता है।
पेसाब में रूकावट या जलन
1 . पेसाब में रुकावट या जलन होने पर जंगली प्याज का सेवन करें । लाभ होगा।
2. शहतूत के साथ कलमीशोरा को पीसकर पेस्ट तैयार करें। पेस्ट का नाभि के नीचे लेप करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।
3. त्रिफला का काढा लेकर उसमें गुड़ और दूध मिलाकर पीने से पेशाब रोगों में आराम मिलाता है।
4. घी में केसर को मिलाकर पीने से पेशाब की रुकावट ठीक होता है।
5. 4 ग्राम मूली के बीजों को बारीक पीसकर लगभग 300 से 400 मिलीलीटर पानी में छानकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है और पेशाब खुलकर आता है।मूली को पीसकर उसमें थोड़ा-सा कलमीशोरा मिलाकर नाभि पर लेप करने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आता है।
6. छोंकर:छोंकर के फूलों के रस में दूध मिलाकर गर्म कर लें। इसके बाद इसमें जीरा और चीनी डालकर पीने से पेशाब के साथ धातु का आना बंद हो जाता है।
7. आंवलों को पीसकर पेट के नीचे लेप करने से लाभ होता है

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