नवरात्र में भूल कर भी उपासक को ये नहीं करना चाहिये इससे माँ रुष्ठ होती है। उपासक को इन सभी बातों अमल करना चाहिए।
किसी की निंदा, चुगली, कपट , अपशब्द नहीं कहने चाहिए और साथ ही उपासक को किसी के साथ विवाद नहीं करना चाहिए।
किसी की निंदा, चुगली, कपट , अपशब्द नहीं कहने चाहिए और साथ ही उपासक को किसी के साथ विवाद नहीं करना चाहिए।
नौ दिन प्याज, लहसुन आदि का पूर्णतः त्याग करना चाहिए। तेज और तीखे मसाले, मांसाहार, मदिरा आदि तामसिक प्रकृति के पदार्थ माने जाते हैं। इनसे सदैव दूर रहना चाहिए।
जो ब्यक्ति नवरात्र का व्रत रहते है उन्हें सब्जी में छौंक लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से सब्जी में स्वाद तो बढ़ता है परन्तु माना जाता है की छौंक लगाने से जीरा चटकता है वह असुभ होता है।
दाढ़ी या शरीर के बाल काटने का निषेध माना जाता है। जो नवरात्र में माता का व्रत रहते हैं। उसके शरीर के हर अंश में भगवती का वास होता है। अतः उसे बाल-नाखून आदि नहीं काटने चाहिए।
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