ईरान के शीर्ष कमांडर काशिम सुलेमानी की हत्या के बाद अमरीका और ईरान के बीच बढते तनाव की बजह ,युद्ध के हालत बनते नजर आ रहे हैं | कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान के द्वारा अमेरिका से बदला लेने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा ईरान को दी धमकी ने, आग में घी डालने जैसे काम कर दिया है| दुनिया के सामने दो सक्षम देशों के बीच बड़ते तनाव ने एक बार फिर, विश्व युद्ध के हालत को जन्म दिया है|
अमेरिका द्वारा किये गए सुलेमानी पर हमले और उनकी म्रत्यु के बाद रूस, चीन ,फ़्रांस और जर्मनी जैसे शक्तशाली देश इस कार्यवाही के विरुद्ध हैं। वहीं दूसरी तरफ इंग्लेंड के द्वारा एक युद्धपोत खाड़ी में तैनात कर दिया है। अमेरिका के ऊपर बड़ते दबाब में ईरान ही नहीं बल्कि इराक भी अमेरिका की मुश्किलें बढाने के लिए आगे खड़ा है। एक न्यूज़ पॉर्टल की खबर के अनुशार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी संसद में महाभियोग की कार्यवाही की गई है।
देशों के बीच बढ़ते तनाव का असर वैश्यक नीतियों पर भी पड़ रहा है। दौनों देशो के तनाव की बजह से कच्चे तेलों के दामों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।क्रोड़ ऑइल की बढती कीमतों की बजह से पिछले एक दो दिन में शेयर मार्केट पर भी बड़ा असर किया है।
खाड़ी देशों में रहने वाले भारतियों पर पड़ेगा भरी असर
दोनो देशो क बीच बड़ते तनाव और युद्ध के गहराते बादलो के बीच फारस की खाडी में रहने वाले एक करोड़ भारतीयों के लिए सबसे बड़ी मुशीबत हो सकती है। अगर युद्ध होता है तो सबसे पहले उनकी वापसी सम्भव है। आपकी जानकी के लिए बतादें 1990 के युद्ध में भी भारतियों की एयरलिफ्ट किया गया था। हालत बिगड़ने से पहले अमेरका, खाड़ी देशों में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों को, खाड़ी छोड़ने का बोल चुका है।
No comments:
Post a Comment
आप हमें आपके विचार लिख सकते हैं | आपके दिए गए सुझाव हमारे लिए आवश्यक हैं | Google news पर Update पाने के लिए हमें follow करें - Our Nation