अनंत और अकल्पनीय रहस्यों से भरे भारत वर्ष में , मन्दिर के चमत्कारों के आगे विज्ञान भी हार जाता है। देश में कई ऐसे चमत्कारिक मंदिर है ( Miracle of Shiv Temples), जहां विज्ञान की सोच खत्म होने के बाद, रहस्य और चमत्कार शुरू होते हैं। इस Post में हम एक ऐसे ही शिव धाम के बारे में बताने वाले हैं, जो समय की चाल को बदलता है।
Mystery of Shivgange Hills |
बेंगलुरु से तकरीबन 54 किलोमीटर दूर डोब्बास्पेट के पास शिवगंगे पर्वत शिखर Shivganga hills है। शिवगंगे पहाड़ी की उंचाई समुंद्रतल से 4488 फीट बताई जाती है। यहां उपस्थित मंदिर में होने वाले चमत्कार के जवाब, विज्ञान के पास भी नहीं है। इस 20वीं सदी के दौर में, शिवधाम के रहस्य और चमत्कार आपको हैरान कर देगें।
शिवगंगे पर्वत ( ShivGange Hills) की दिव्यता वहां जाने वाले यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पर्वत को चारो तरफ से देखने पर इसका रूप बदलता दिखाई देगा। पूर्व की ओर से देखने पर पर्वत, बैल यानीकि नंदी के रूप में, पश्चिम से गणेश के रूप में, उत्तर से सर्प का रूप और दक्षिण से शिव लिंग के रुप में दर्शन होते हैं।
शिवगंगे पर्वत का अदभूत चमत्कार ( Mystery of Shivgange Hills)
काल के चक्र की गति को बदलना, किसी के वस में है तो वो हैं अनन्त कोटि के स्वामी देवों के देव महादेव, डमरू धारी , नंदी की सवारी करने वाले भोले नाथ की शक्तियों के आगे समय का पहिया उल्टा घूमने लगता है। ऐसा ही चमत्कार शिवगंगे धाम में देखने को मिलते हैं , आस्था और भक्ति के सैलाब में दर्शन करने वाले सभी यात्रियों का मानना है कि जब शिवलिंग पर घी से अभिषेक किया जाता है, तब वहां दिलचस्प चमत्कार होता है, घी मक्खन में बदल जाता है। बताया जाता है 1600 वर्षों से इस मंदिर में यह चमत्कार होता है। आमतौर पर मक्खन से घी बनते सबने देखा है लेकिन घी से मखन बनते न किसी ने देखा है ना सुना है। इसका जवाब विज्ञान भी नहीं खोज पाया कि घी से मक्खन में कैसे परिवर्तित की विधि क्या है।
अगर इस चमत्कार को अपने आँखो से देखना है तो शिवगंगा मंदिर जाइये और सत्य को परख कर देखिये।
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