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Jul 24, 2022

जानिए : कलौंजी के फायदे , तत्व and कलौंजी का सेवन कैसे करें?

कलौंजी ( Nigella Benefits ) कलयुग में धरती पर संजीवनी है। इसको लेकर एक कहावत भी प्रचलित है। " कलोंजी ( Nigella Benefits ) एक फायदे अनेक " 

     आज इस पोस्ट में हम आपको कलौंजी के फायदे के साथ ही अन्य और बिंदुओं पर चर्चा करेगें। इस पोस्ट में जानेगें कलोंजी कैसी होती , इसके फायदे क्या हैं ? इस पोस्ट में कलौंजी के पौधे एवं बीज किन - किन रोग में लाभ हो सकता के बारे में विस्तृत रूप में जानेगें। आपको यह भी जानना जरुरी हैं की कलौंजी में कौनसे तत्व पाए जाते हैं। 

कैसा होता है कलौंजी का पौधा ? ( How is nigella plant? )

कलौंजी का पौधा सौंफ के पौधे से थोड़ा छोटा होता है। इसके फूल हल्के नीले व पीले रंग के और इसके आकार तारे के समान होते हैं। कलौंजी के घरों में होते हुए भी आप इसके गुणों से अब तक अनजान है। पूरी तरह संतृप्त किए गए बीज में जिंदगी की अत्यधिक ताकत होती है। कलौंजी ( Nigella seeds ) के सेवन से आपका भविष्य रोग मुक्त बनता है।

कलौंजी में पाए जाने वाले तत्त्व  

कलौंजी को रोमन कोरिएंडर, ब्लैक सीसेम, ब्लैक क्यूमिन, ब्लैक कैरावे तथा अनियन सीड के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल औषधि, मसाले तथा सौंदर्य प्रसाधनों के तौर पर किया जाता है। 
kalonji seeds and Oil

कलौंजी का सेवन कैसे करें? ( How to use Kalonji ) 

कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है। एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिश्रित करके इसका सेवन करें। पानी में कलौंजी उबालकर छान लें और इसे पीएं।दूध में कलौंजी उबालें। ठंडा होने दें फिर इस मिश्रण को पीएं। कलौंजी को ग्राइंड करें तथा पानी तथा दूध के साथ इसका सेवन करें।कलौंजी को ब्रैड, पनीर पर छिड़क कर भी  सेवन कर सकते हैं | 

अध्ययन क्या कहते हैं 

डायबिटीज : प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है। 
मिर्गी : 2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन दौरे को कम करता है।
उच्च रक्तचाप : 100 या 200 मिलीग्राम कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से हाइपरटैंशन के मरीजों में ब्लड प्रैशर कम होता है। 
दमा : कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग इसके फूल सर्दी की शुरुआती अवस्था में और फल सर्दियों में लगते हैं। फूल के गिरने के बाद इसमें आधे इंच लंबे काले फल लगते हैं। फल के अन्दर काले या गहरे भूरे रंग के बीज होते हैं जो तीखा और सुगंधित होता है। इस बीज को ही कलौंजी कहते हैं। बीज 2 से 3 मिलीमीटर लंबे और 2 मिलीमीटर चौड़े होते हैं। बीज ऊपर से खुरदरा और अन्दर से चिकना होता है। कलौंजी के पत्ते एक साथ जुड़े रहते हैं। 
           कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ करने वाला होता है। इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर करता है। कलौंजी का तेल सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं। गर्भावस्था के समय स्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए। इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है। कलौंजी मूत्र लाने वाला, वीर्यपात को ठीक करने वाला और मासिक-धर्म के कष्टों को दूर करने वाला होता है। 
            कलौंजी का प्रयोग मसाले और अनेक रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। कलौंजी का प्रयोग यूनानी दवाओं को बनाने में ज्यादा किया जाता है। 
"मौत को छोड कर हर मर्ज की दवाई है.....! " 
कलौंजी के बीजों का तेल भी बनाया जाता है जो रोगों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसका तेल न मिलने पर कलौंजी से काम चलाया जा सकता है।कलौंजी वनस्पति पौधे के बीज है और औषधियों के रूप में बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। अत: कलौंजी के बीजों को बहुत बारीक पीसकर सिरका, शहद या पानी में मिलाकर उपयोग किया जाता है |कलौंजी के तेल में एक अलग प्रकार की चर्बी के टुकड़ा होता है। लिर्नोलेटिक टुकड़ा 60 प्रतिशत और पाश्मेहिक टुकड़ा लगभग 11 प्रतिशत इसमें प्राप्त हैं। इसलिए इसमें स्वतंत्र अम्ल 40 अथवा उससे भी ज्यादा हो सकते है। यह कार्बनिक तेल को आसानी से पानी के रूप में बदल देता है। अधिकतर कलौंजी के बीजों को ही औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बीजों में एक सेपोनिन नामक पदार्थ होता है। इसके बीजों में निजेलीन नामक कडुवा पदार्थ भी होता है।

विभिन्न भाषाओं में कलौंजी के नाम :- 

हिन्दी में कलौंजी या मंगरैला कहते है| अंग्रेजी में स्माल फनेल, संस्कृत में इसे कलवंचिका और कालाजाजी बंगाली में मुगरेला. गुजराती में कलौंजी, मराठी में कलौंजी , लैटिन में नाइगेला सेटाइवा आदि नाम है ... 

कलौंजी का  तेल कैसे बनाया जाता है ?

कलौंजी का तेल कैसे निकला जाता है?  इसके बारे में भी आपको अवगत कराते है| कलौंजी का तेल बनाने के लिए 250 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई लीटर पानी में उबालें। उबालते-उबलते जब यह केवल एक लीटर पानी रह जाए,  अब इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें।

Jun 13, 2021

cloves benefits in hindi लौंग खाने के फायदे , ऐसे करे सेवन

सब्जियों में कई तरह के मसाले का प्रयोग करते हैं।  ये मसाले हमारे खाने में जायका तो लाते ही हैं, साथ ही हमारे स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी होते हैं। क्या आपको पता है आपके रसोई में उपस्थित लौंग (Clove ) भी औषधीय गुणों से भरी हुई है। लौंग ( Clove )  का सेवन आपको कई तरह के फायदे ( laung ke fayde )  देता है। इस पोस्ट में लौंग ( laung ke upyog ) खाने के फायदे और उसका सेवन कैसे करें ? के बारे में चर्चा करेगें। साथ ही आपको लौंग के औषधिक गुण ( laung ke aushadhi gun ) के बारे में बताएँगे।  

लौंग में उपस्थित तत्व 

आयुर्वेद में लम्बे समय से रहने वाली लौंग, कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर है। लौंग में पाए जाने वाले तत्व में एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, प्रोटीन,  विटामिन सी, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट, पाए जाते हैं। लौंग में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारी पाचन क्रिया और पेट से जुडी समस्याओ के लिए फायदेमंद होते हैं। 


Laung ke fayde , aayurved me laung , pet dard
laung ke fayde

लौंग खाने के फायदे (  laung benefits in hindi )

लौंग Clove  जैसा कि आपको पता है।  लौंग आपके मसलों  में उपयोग होने वाली वस्तु है। यह आसानी से आपकी रसोई में हर समय उपलब्ध रहती है। लौंग के फायदे को आयुर्वेद में विस्तृत वर्णन मिलता है। आयुर्वेद के अनुशार लौंग खाने से सेहत  जुडी कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। 

पेट की बीमारी की दवा

लौंग में उपस्थित  एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते है जो पाचन को मजबूत करते है। ये तत्व पेट होने वाली बिमारियों में दवा के तौर पर काम करते है। इसके साथ ही उल्टी , गैस और पेट में होने वाली जलन के लिए लौंग को असरकारक माना जाता है। 

मुंह से बदबू हटाने की दवा

कई बार अपच होने से भी मुहं से बदबू आने लगती है। मुँह से बदबू दूर करने के लिए रात के समय सोने से पहले लौंग को चबाकर खायें। कुछ समय बाद एक गिलास पानी से मुँह साफ़ कर लें। ऐसा करें से कुछ ही दिनों में मुँह से बदबू आने की समस्या से निजात मिल सकती है। ऐसा करने से मुहँ में खरास , गला बैठ जाना और गले में दर्द की समस्या से भी निजात मिल सकती है। 


लौंग कैसे खाये ( लौंग खाने का सही तरीका ) 

लौंग का सेवन करने के लिए आयल , पावडर और साबुत के दौर पर किया जा सकता है। बैसे तो लौंग ज्यादातर पाउडर के रूप में मसालों में मिश्रत होती है।  लेकिन इसका सेवन चाय , गर्म पानी में काढ़ा बनाकर या साबुत चबाकर किया जा सकता है। 

लौंग खाने कई और अनगिनत फायदे है। इसका सेवन पेट की बिमारियों को दूर तो करता ही साथ ही शरीर पर जमने वाली चर्बी को भी कम करता है। इसका सेवन आवश्यक हो उतना ही करे अधिक सेवन आपके सेहत के लिए प्रतिकारक हो सकता है।  

Jun 1, 2021

क्या है, Black fungus का आयुर्वेदिक इलाज ? जानिये

कोरोना वायरस के केस धीरे धीरे कम हो रहे है, तो वहीँ दूसरी तरफ Black fungus देश में ( Black fungus in india ) अपने पैर पसारने लगा है। ब्लैक फंगस इंफेक्शन  को लेकर देश में कई प्रदेश सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। पिछली पोस्ट में हमने आपको ब्लैक फंगस क्या होता है?  ( black fungus क्या है ) के बारे में बताया था। इस पोस्ट में आपको क्या ब्लैक फंगस का आयुर्वेदक इलाज है?( black fungus treatment at home )  और black fungus के लक्षण क्या है ?
black-fungus-ayurvedic-treatment
black fungus treatment at home

 Black fungus के लक्षण क्या है?

Covid 19  महामारी के बाद अब ब्लैक फंगस लोगों के लिए घातक बनता जा रहा है। black fungus के शुरुआती लक्षण ( black fungus symptoms ) कोरोना वायरस संक्रमण की तरह लगभग समान देखे जा रहे हैं ? ब्लैक फंगस को फैलने की बजह क्या है ? यह अभी तक साफ़ नहीं हो पाया  है। लेकिन मुख्य तौर पर ब्लैक फंगस सिम्पटम्स में सर दर्द, मरीज की आखों में लालिमा छा जाना, तेज बुखार, नाक में रूकावट और कई व्यक्ति में दातों का ढीला होजाना जैसे लक्षण देखने को मिले हैं। ,

ब्लैक फंगस का आयुर्वेदिक इलाज ( black fungus treatment )

देश में बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामलों की रोकथाम के लिए आयुष मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है। फंगस को फैलने से रोकने के लिए मंत्रालय ने नई गाइड लाइन जारी की है। आयुष मंत्रालय ने ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए उपाय बताये हैं। आयुष मंत्रालय ने ब्लैक फंगस को रोकने के लिए दवाओं के सेवन के साथ खानपान और परहेज पर जोर दिया है।  ( ब्लैक फंगस ट्रीटमेंट एट होम )  
        मंत्रालय ने ब्लैक फंगस मरीज के लिए संशमनी वटी, निशामालकी वटी व सुदर्शन घनवटी सुबह और रात में सोने से पहले, लेने का निर्देश दिया है। संशमनी वटी व निशामालकी वटी सुबह व रात में एक-एक गोली तथा सुदर्शन घनवटी सुबह एक व रात में दो गोली लेने की सलाह दी  है। आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुशार, यह दवा सभी पोस्ट कोविड मरीज व जिन्होंने तीन सप्ताह से अधिक स्टेरायड का प्रयोग किया है, वो इस जरूर लें। आयुष मंत्रालय की इस दवा से ब्लैक फंगस की रोकथाम में मदद मिलेगी।

May 30, 2021

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

खराब  लाइफस्टायल और खानपान कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। जिस तरह के फ़ूड हम बाजार  से खा रहे है।  वह हमारी सेहत के लिए कतई उपयोगी नहीं है। गलत खानपान से व्यक्ति का+ Blood pressure control में नहीं रहता। एक स्वास्थ्य जीवन के लिए ब्लड प्रेशर कंट्रोल ( Blood pressure Normal ) होना बहुत जरुरी है।  ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए कई तरह के ट्रीटमेंट या दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं।  इस पोस्ट में ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक दवा के बारे में चर्चा करेगें। तो चलिए जानते हैं blood pressure control करने के उपाय। लेकिन इससे पहले एक स्वास्थ्य मनुष्य के लिए सही रक्त चाप कितना होना चाहिए।  ( Blood pressure reading a healthy person ) के बारे में जानते है।  

Blood pressure reading a healthy person
Blood pressure reading a healthy person 


ब्लड प्रेशर नार्मल कितना होना चाहिए ( blood pressure range ) 

ब्लड प्रेशर की बीमारी देखने में बिलकुल साधारण ( Normal ) लगती है। ब्लड प्रेशर नार्मल रेंज  ( Blood pressure normal range ) में न होने से कई तरह की बिमारियों का सामना करना पड़ता हैं। एक स्वास्थ्य मनुष्य के लिए नार्मल ब्लड प्रेशर रीडिंग व्यक्ति की उम्र पर भी निर्भर करता है। जैसे - हेल्थ एक्सपर्ट के अनुशार 15 से 17 वर्ष के लड़कों के लिए 117/77 mm Hg वहीँ लड़कियों  के लिए 120/85 mm Hg होता हैं। 19 वर्ष  से 24 वर्ष के लड़कों के लिए 120/79 mm Hg रहना चाहिए। 30 से 39 साल के पुरुषों में 122/81 और महिलाओं में 123/82 mm Hg रीडिंग को नार्मल माना जाता है। तो 40 से 50 साल के वयस्क पुरुष और महिलाओं में 184/84 mm Hg तक की Blood pressure reading को नार्मल माना जाता है। 

ब्लड प्रेशर कंट्रोल कैसे करें? 

जैसा की आपको पता है , स्वास्थ्य जीवन के लिए ब्लड प्रेशर नार्मल रेंज ( Blood pressure normal range ) में होना बहुत आवश्यक है। ब्लड प्रेशर को नार्मल रेंज रखने के लिए कई तरह की एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवा का सेवन करते है। लेकिन क्या आपको पता है, आपका सही खान पान और घरेलु उपाय से ब्लड प्रेशर को नार्मल किया जा  सकता है। आइये जानते हैं ब्लडo प्रेशर नार्मल करने के घरेलू उपाय।  

ब्लड प्रेशर नार्मल करने के लिए क्या खाना चाहिए ? 

ब्लड प्रेशर को नार्मल करने  के लिए कई लोग दवा के सेवन करते हैं। लेकिन सही डाइट को प्राकृतिक तरीका को अच्छा माना जाता है।  कुछ रिपोर्ट के मुताबिक हेल्थ एक्सपर्ट भी नेचुरल डाइट को अच्छा ऑप्शन मानते हैं। 

नीबूं पानी - ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने के लिए गुनगुने पानी में एक नीबूं निचोड़ कर पियें। इससे हाई ब्लड प्रेशर  कंट्रोल किया जा सकता है

संतरे या मौसमी - रिपोर्ट के मुताबिक संतरे और मौसमी में पाए जाने वाले मिनरल और विटामिन दिल की बीमारी के खतरे को कम करते हैं, साथ ही ब्लड प्रेशर से निजात भी मिलती है। 

लहसुन - लहसुन में भरपूर मात्रा में नाइट्रिक एसिड और हाइड्रोजन सल्फाइट जैसे तत्व मौजूद हैं।  इसे खाने से ब्लड में धक्के नहीं जमते और ब्लड प्रेशर नार्मल रहता है।  

नारियल पानी - ब्लड प्रेशर कंट्रोल के तरीके में नारियल पानी को बहुत ही लाभदायक माना जाता है। सुबह - सुबह नारियल पानी पीने ब्लड प्रेशर नार्मल हो सकता है। 

दाल और फली वाली सब्जी - दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के रक्त प्रवाह को बेहत्तर तरीके से रेगुलेट करते हैं।  दालों में फाइबर, मैंगनीशियम और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हृदय और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। 

गेहूं और चने के आटे की रोटी - गेहूं और चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर मिला लें।  यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है। 

मूली का सेवन - मूली की सब्जी या कच्चा सलाद बनाकर खाने से रक्त चाप ( ब्लड प्रेशर  ) को नार्मल किया जा सकता है। मूली में पाए जाने वाले मिनरल और पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल किया जा सकता है। 

पिस्ता - फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, जिंक, कॉपर, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम और आवश्यक लवणों से भरपूर पिस्ता सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। पिस्ता हाई ब्लड प्रेशर और लौ ब्लड प्रेशर को नार्मल करने में सहायक होता है। 

May 22, 2021

नासा ने बताये पौधे, जो करेगें ऑक्सीजन ( Oxygen level ) की पूर्ति

कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी ज्यादा देखने को मिली। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ऑक्सीजन बहुत ही जरुरी हो चुकी है। दरसल कोरोना वायरस से लड़ाई में फेफड़े जरुरी है।  फेफड़े को मजबूत करने के लिए ऑक्सीजन बेहद जरुरी है। 

oxygen generating plants for indoor
oxygen generating plants for indoor

    फेफड़े मजबूत करने के लिए खुली हवा में ऑक्सीजन की उपलब्धता बहुत जरुरी है। आज के इस वातावरण में खुली हवा में साँस लेना बहुत ही मुश्किल सा है। खासकर जब आप घर हों तब, एक तरह से देखा जाये तो बहार के वातावरण की अपेक्षा घरों के अंदर का वातावरण ( प्रदूषित वायु ) ज्यादा होती है। इस प्रदूषित वायु को शुद्ध करने के लिए क्या करें ? घर के वातावरण में ऑक्सीजन लेवल की मात्रा कैसे बढ़ाये ?  इस पोस्ट में आगे प्राकृतिक तरीके से ऑक्सीजन के लेवल बढ़ने के बारे में बतायेगें।  

रात के समय नीम कौन सी गैस छोड़ता है? नीम के पेड़ गुण क्या हैं?

    दरसल कमरे के वातावरण में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए NASA के द्वारा कुछ पौधे सुझाये गये हैं। NASA के द्वारा बताये गए पौधों को घर में रखकर , कमरे में उपस्थित हवा को शुद्ध कर सकते हैं। तो आये जानते है नासा के द्वारा सुझाये गए पौधे जिनमे ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है।  नासा के दावा के अनुशार ये पौधे सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं। 

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अरेका पाम ( Areca Palm ) का पौधा 

अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी नासा ने अपने एक्सपेरिमेंट के बाद Areca Palm के बारे में कहा है कि, areca palm कार्बन डाइऑक्सइड का अवशोषण कर ऑक्सीजन देता है। यह पौधा अपने आसपास हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड (formaldehyde), जाइलीन (xylene) और टोलुइन (toluene) को भी सोख कर घर के वातावरण को शुद्ध करता है। 

    areca palm  हल्की रोशनी के साथ ही सीमित पानी में आसानी से उग जाता है। घर में कंधे की ऊंचाई तक चार पौधे होना अच्छा होता है। इस पौधे को आप अपने लिविंग रूम में रख सकते है। 

Snake प्लांट ऑक्सीजन 

नासा के अनुसार यह पौधा आसपास की हवा से बेंजीन (benzene), फॉर्मेल्डिहाइड (formaldehyde), जाइलीन (xylene), टोलुइन (toluene) और ट्राईक्लोरोएथिलीन (trichloroethylene) जैसे विषैले रसायनों  सोख लेते हैं। रिपोर्ट्स में मुताबिक Snake plant रात के समय ऑक्सीजन की अधिक मात्रा उत्पन्न करता है। माना जाता है, एक पौधा एक कमरे के लिए काफी हो सकता है। Snake Plant को आप आपके बेड रूम रख सकते हैं। 

मनी प्लांट ऑक्सीजन 

इस पौधे के बारे में हमें सब पहले से जानते है। मनी प्लांट बेहद ही काम रौशनी में बढ़ने वाला पौधा है।  अगर मनी प्लांट के द्वारा ऑक्सीजन बनाने की बात करें तो यह पौधा बढ़ी तेजी के साथ ऑक्सीजन बनता है।  मनीप्लांट को आप घर में कहीं भी रखा सकते हैं।  

गरबेरा डेजी का पौधा ( Gerbera daisy )

आम तौर पर इस पौधे को सजावट की लिए इस्तेमाल किया जाता है। नासा के अनुशार यह पौधा वातावरण से बेंजीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख कर घर के वातावरण में ऑक्सीजन देता है। इस पौधे को भी आप बैडरूम और लिविंग रूम में खिड़की के पास रख सकते हैं। 

स्पाइडर प्लांट 

स्पाइडर प्लांट को रिबन प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। स्पाइडर प्लांट आसपस के वातावरण से तेजी से कार्बन मोनोऑक्सइड और जाइलीन को सोखने की शक्ति रखता है।  इसकी पत्तियों नॉन टॉक्सिक रसायन बनती है। इस पौधे की उसके करीबन ६० सेंटीमीटर रक् हो सकती है।  इस पौधे को आप बैडरूम या लिविंग रूम में लगा सकते हैं। 

एलोवेरा ( Alovera plants ) पौधा

घर की छत , बालकनी और किचन के आसपास यह पौधा देखने को मिल जाता है।  एलोवेरा अपनी खूबियों के लिए जाना जाता है।  सुंदरता से लेकर घाव तक को भरने के लिए काम और इम्युनिटी बूस्टर की जगह भी उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इसके कई और औषधीय उपयोग हैं। वहीं इसकी पत्तियां आसपास के वातावरण से  टॉक्सिन बेंजीन (benzene) और फॉर्मेल्डिहाइड (formaldehyde) को सोख लेती हैं।

जानिए तुलसी के benefits और नुकसान ? कैसे करें तुलसी सेवन ....

आप जानते हैं।  तुलसी ( Tulsi ) के पौधे और उसकी पत्तियों में बहुत सारे औषधिक गुण ( tulsi ke fayde ) पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियों  में अनेक रोगों को दूर करने की क्षमता होती है। यह पौधा ( Tulsi ) भारत के हर घर में देखने को मिल जाता है। भारत में तुलसी को पवित्र और श्रद्धा से देखा जाता है। तुलसी ( Tulsi ) के पौधे का वर्णन आयुर्वेद में  विस्तृत रूप से किया गया है। आपको बतादें  कि प्रकृति के नियम के अनुशार अगर किसी वस्तु से फायदा ( Benefits ) है तो कुछ नुकसान ( disadvantages ) भी होगें।  इस पोस्ट में तुलसी के लाभदायक गुण ( Advantages ) और नुकसान ( Disadvantages ) के बारे में बात करेगें।  इस  पोस्ट में तुलसी के लाभदायक गुण कौन-कौन से हैं ? और ज्यादा मात्रा में तुलसी के सेवन से क्या परेशानी हो सकती ? के बारे में जानेगे।  साथ ही यह भी बतायेगें की तुलसी का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए? आगे बढ़ने से पहले आपको बतादें कि इस पोस्ट में तुलसी ( Tulsi ) के पत्ते से क्या फायदा और तुलसी के बीज से क्या फायदा होगा। 

tulsi benefits, tulsi advantage and disadvantage in hindi
Tulsi benefits 

तुलसी के फायदे

वैसे तो तुलसी का पौधा औषधिक गुणों से भरपूर है। लेकिन तुलसी की पत्तियों को सबसे ज्यादा गुणकारी माना जाता है। तुलसी पत्तीयों को सेवन ऐसे भी किया जा सकता है या तुलसी की पत्तियों और उनके बीजों का चूर्ण बनाकर भी उसका सेवन किया जा सकता है। 

    तुलसी के पत्तों में कफ, वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने के अलावा तुलसी बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद मानी जाती है।  आइये जानते हैं तुलसी के फायदे के बारे में 

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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार

इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में सही खानपान पर ध्यान न देने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। तुलसी के बीजों के चूर्ण का नियमित सेवन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी के बीजों का चूर्ण बनाकर उसकी दोगुनी मात्रा  मिश्री मिलाकर रख लें। सर्दियों के मौसम में प्रतिदिन इसमें से एक ग्राम चूर्ण का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 

मलेरिया में लाभकारी दवा तुलसी 

मलेरिया के लिए तुलसी का काढ़ा बहुत ही लाभकारी माना जाता है।  तुलसी  पत्तियों का काढ़ा बनाकर सुबह, दोपहर और शाम तीनों पहर पीने से मलेरिया में लाभ होता है। 

साँसों की दुर्गंध  

कई बार सांसो में आने लगाती है।  साँसों में दुर्गन्ध आना आपकी पाचन शक्ति का कमजोर होने के संकेत हैं। तुलसी के पत्तों में पाचन शक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है। तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से आपकी पाचन शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही साँसों से बदबू भी दूर होती है। 

खांसी , कफ के लिए 

तुलसी की पत्तियों (tulsi leaves in hindi) से बने काढ़े के सेवन से खाँसी , कफ को दूर किया जा सकता है।  कास-श्वास-तुलसी-पत्र (मंजरी सहित) 50 ग्राम, अदरक 25 ग्राम तथा कालीमिर्च 15 ग्राम को 500 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बनाएं और रोगी को आवश्यकता अनुशार चम्मच में दें। 

गले की समस्या में तुलसी 

मौसम में परिवर्तन  साथ ही गले में कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लगाती हैं।  मौसम में परिवर्तन होते ही गले में खरास , गले का बैठ जाना जैसी समस्या हो जाती है। गले में उत्पन्न समस्या को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलकर कुल्ला करें। ऐसा करने से गले में उत्पन्न विकार दूर होते हैं। 

तुलसी के ज्यादा सेवन से होने वाले नुकशान 

इस पोस्ट में आपको तुलसी के फायदे के बारे में बताया अब आगे तुलसी से होने वाले नुकसान के बारे में भी बात करेगें।  इस पोस्ट में तुलसी के 5 नुकशान भी जानेगें। तुलसी के नुकशान से बचने के लिए क्या करें और तुलसी का सेवन कैसे करें ?
  1. तुलसी के पत्तों में आयरन और पारा की मात्रा पाई जाती है। इसके साथ ही तुलसी की पत्तियों में आर्सेनिक भी पाया जाता है।  जो दातों को ख़राब कर सकता है। इसकी पत्तियों के अधिक चबाने से दांत ख़राब हो सकते हैं। 
  2. ऐसे लोग जो हेपरिन और वालफरीन जैसी दवाओं का सेवन करते हैं , तो आपको तुलसी के पत्तों का सेवन नहीं करना चाहिए।  तुलसी की पत्तियों में खून को पतला करने की ताकत होती है। 
  3. तुलसी के पत्ते में गर्म तासीर होती है।  इसका ज्यादा सेवन करने से पेट में जलन जैसे समस्या हो सकती है।  इसलिए तुलसी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। 
  4. तुलसी के पत्तों का सेवन गर्भवती महिलों को कम या नहीं करना चाहिए क्योकिं तुलसी में युजेनॉल नामक तत्व पाया जाता है। जो गर्व में पल रहे बच्चे की सेहत पर असर कर सकता है। 
  5. वे लोग जो डायबिटीज या हाइपोग्लाइसीमिया के मरीज हैं और शुगर की दवाइयां ले रहे हैं।  अगर वे तुलसी का सेवन करते हैं, तो उनके ब्लड शुगर में बहुत ज्यादा कमी आ सकती है।  जो उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।  ऐसे लोगों को तुलसी से सेवन से बचना चाहिए। 

तुलसी का सेवन कैसे करें 

तुलसी के बारे में इतना कुछ जानने के बाद अब यह भी सवाल है कि , तुलसी का सेवन कैसे करें ? आइये जानते हैं। 
  • तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाल कर सेवन किया जा सकता है। 
  • तुलसी की पत्तियों और बीजों का चूर्ण बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। 
  • तुलसी की पत्तियों का सेवन करने के लिए उन्हें कूटकर चाय में डालकर पी सकते हैं। 
  • तुलसी का सेवन करने के लिए आप बाज़ार में उपलब्ध टेबलेट तुलसी घनवटी इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 
  • तुलसी की पत्तियों को छाया में सुखाकर पीसकर इसका पाउडर बनाकर इसका सेवन कर सकते है। 

May 17, 2021

Black fungus covid : Black fungus क्या है ? जानिए लक्षण और उपाय

कोरोना महामारी के बीच इन दिनों Black Fungus बहुत चर्चा में है।  देश में अब इसका स्ट्रेन बहुत तेजी से फ़ैल रहा है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक Black Fungus से 500 लोग संक्रमित हुए हैं। इस पोस्ट में black Fungus क्या है ? और इसके लक्षण के बारे में चर्चा करेगें।  सबसे पहले जानते हैं। ब्लैक फंगस  क्या है ?

Black fungus
Black fungus

Black Fungus क्या है ?

ब्लैक फंगस या Mucormycosis एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है। रिसर्च के मुताबिक ब्लैक फंगस ज्यादातर ऐसे लोगों को ज्यादा संक्रमित करता है। जो पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। खासकर डाइबिटीज वाले मरीज में वातावरण में मौजूद वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इस तरह के व्यक्ति को फंगल इन्फेक्शन होने का डर ज्यादा रहता है।  रीसर्च में ये भी सामने आया है , डायबिटीज के अलाबा जो लोग ज्यादातर ICU में रहे हैं उनको भी इससे बचने के लिए सावधानिया रखनी होगीं।  

Black fungus लक्षण क्या हैं ?

देश में कोरोना महामारी के दौरान फ़ैल रहे black fungus से देश में 500 लोगों को संक्रमित किया।  ( ये रिपोर्ट समाचार पत्र द्वारा बताये गए आधार पर है ) ब्लैक फंगस ( Black Fungus ) में सामन्य तौर पर होने वाले लक्षणों की बात करें तो अभी तक ब्लैक फंगस के लक्षणों में आँख लाला हो जाना या आखों में दर्द , बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, खूनी उल्टी और मानसिक स्थिति पर असर पड़ना इस संक्रमण के लक्षण हैं। 

Black Fungus  होने पर क्या करें ?

Black fungus को रोकने लिए सबसे बड़ी बात है।  हम सब को डटकर मुकाबला करना इसके लिए सबसे पहले आपको बतादें।  आपके मनोबल को गिरने नहीं देना है।  
  1. हाइपरग्लाइसीमिया यानी खून में शर्करा की मात्रा को कंट्रोल करने की कोशिश करें। 
  2. कोविड से डिस्चार्ज होने के बाद या फिर डायबिटीज़ में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मॉनिटर करते रहें।  
  3. स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें। 
  4. ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडीफायर्स में साफ, स्टराइल पानी का इस्तेमाल करें।  
  5. एंटीबायोटिक्स या एंटी फंगल दवाइयों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें।

 Fungus होने पर क्या न करें ?

  1. संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। 
  2. बंद नाक के हर मामले में यह न समझें कि यह बैक्टीरियल साइनसाइटिस की वजह से है. खासकर ऐसे मरीजों में जिनकी मेडिकेशन के वजह से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है। 
  3. फंगल इंफेक्शन का पता लगाने के लिए बड़े कदम उठाने से हिचकिचाएं नहीं।  
  4. म्यूकरमाइकोसिस हो तो इसका इलाज शुरू करने में जरा भी वक्त न गवाएं

May 13, 2021

कोरोना में रामवाण है , 2-DG Drugs का सेवन कैसे करें ?

Covid 19 वायरस ने हाहाकार मचा रखा है | प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग संक्रमित और हो रहे हैं तो वहीँ  हजारों की सख्या को मौत का आंकड़ा छू रहा है | देश में फैली महामारी को काबू करने के लिए कोरोना फ्रंट वॉरिअर लगातार दिन रात काम कर रहे हैं | देश में वैक्सीनेशन ने लेकर संक्रमितों के ईलाज में हमारे डॉक्टर लगे हुये हैं तो वही वैज्ञानिक भी पीछे नहीं है | कोरोना सक्रमण को मात देने के लिए DRDO की ओर से एक नयी दवा 2-DG को बनाया गया है | 2-DG मेडिसिन को ड्रग्स कण्ट्रोल व्यूरो के द्वारा परमिशन भी मिल चुकी है | जल्द ही यह दवा कोरोना के लिए के लिए रामवाण सिद्ध हो जाएगी है | इस पोस्ट में DRDO की 2-DG मेडिसन पर वैज्ञानिकों का क्या कहना है ? और 2-DG मेडिसन लेने से मरीज की सेहत पर कितना असर पड़ेगा के बारे में भी चर्चा करेगें |साथ की DRDO 2 -DG मेडिसन की प्राइस कितनी है ? के बारे में भी बतायेगें |  सबसे पहले आपको बतादें की  आंकड़े इंटरनेट पर प्राप्त जानकारी के आधार पर एकत्रित किये गये हैं | 
DRDO 2 - DG DRUGS PRICE , How to consume 2 - dg drugs

2-DG पर डॉक्टर और वैज्ञानिकों की राय 

DRDO के मुताबिक Covid 19 positive मरीज को यह दवा देने  के बाद | 2 - DG मेडिसन संक्रमित कोशिकाओं में जाकर एकत्रित हो जाती है | कोशिकाओं में पहुँचने के बाद 2-dg drug अपना काम शुरू कर देती है | संक्रमित कोशिकाओं में पहुँचने के बाद और वायरस सिंथेसिस और एनर्जी प्रोडक्शन को रोककर वायरस को बढ़ने से रोकती है | 

2-DG Drugs कोरोना मरीज के लिए कितनी कारगर ?

 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दवा के तीसरे ट्रायल में मरीजों के लक्षणों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है | 2-DG ड्रग्स लेने के बाद मरीजों में ऑक्सीजन की निर्भरता में कमी आई है | रिपोर्ट के मुताबिक DRDO की दवा 65 साल की उम्र के लोगों के लिए भी कारगर है | 

2-DG ड्रग की प्राइस कितनी है ?

2-DG प्राइस की चर्च करने से पहले इसके बारे में और अधिक जान लेते हैं | जैसे कि यह लिक्विड के रूप में है या पाउडर या टैबलट इस तरह के सवाल भी आपके सामने होंगे |  रिपोर्ट के मुताबिक 2 DG drugs पाउडर के रूप में है | अगर इसके प्राइस के बारे में बात करें तो अभी तक 2 DG के प्राइस की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है | लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक 2-DG की कीमत 500 से 600 रुपये तक हो सकती है | 

2-DG Drugs का सेवन कैसे करें ?

देश में फ़ैल रही कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक होती जा रही है | दरसल सक्रमण को कम करने और ऑक्सीजन लेवल की मात्रा को बरकार रखने के लिए 2 DG ड्रग्स के पाउडर को पानी में खोलकर संक्रमित मरीज को पिलाते हैं | 2 DG ड्रग्स पीने के बाद मरीज के लक्षण धीरे-धीरे सुधरने लगते हैं | 

May 7, 2021

फेफड़े मजबूत रखने के घरेलु उपाय


फेफड़े Lungs एक स्वस्थ मनुष्य के लिए कितने उपयोगी इस पोस्ट में आपको बतायेगें | और साथ ही बतायेगें कि  फेफड़े  शरीर में क्या काम करते हैं ? मनुष्य में ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए ? 
मनुष्य के शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए उसके सभी आंतरिक अंग सही तरह से काम करने चाहिए | जैसे हृदय , फेफड़े , किडनी,  आंत बगेरा बगेरा। .... 

फेफड़े क्या काम करते हैं ? 

हमारे शरीर को चलाने के लिए ऑक्सीजन की बहुत जरुरत होती है | मनुष्य के शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति और शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर करने  में फेफड़े ( Lungs ) सहायक होते हैं | यदि फेफड़े सही तरह काम करना बंद कर दें तो, मनुष्य को साँस लेने में समस्या होने लगती है | फेफड़े ख़राब होते ही व्यक्ति को साँस लेने में दिक्कत के साथ ही उसे घुटन महसूस होती है | एक स्वस्थ मनुष्य के लिए ऑक्सीजन लेवल ( Oxygen Level ) की मात्रा 95 फीसदी होना जरुरी है | शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 90 फीसदी से कम होने पर साँस लेने में समस्या शुरू हो जाती है | 

healthy lungs home remedies
Healthy Lungs 

    आपको बतादें कि आज 60 फीसदी मरीजों को साँस लेने में दिक्कत हो रही है | उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा है | दो या तीन दिन में ऑक्सीजन लेवल 80 फीसदी से भी नीचे हो जाता है | Oxygen लेवल के एक साथ गिरने की बजह से समस्या बहुत गंभीर होने लगती है | इस समय ऑक्सीजन न मिले तो व्यक्ति की जान तक चली जाती है | 
आज इस पोस्ट में हर्वल तरीके से फेफड़ों को कैसे स्वस्थ रख सकते है ? के बारे में भी चर्चा करेगें | 


यह भी पढ़ें - 

फेफड़ों को  स्वस्थ रखना है ? तो करें ये काम  

fefade majbut karne ke gharelu upay )

फेफड़े मजबूत करने के घरेलु उपाय 

तुलसी की पत्तियों का सेवन -  वैसे तो तुलसी को धरती पर जीवन दाहिनी जड़ीबूटी के रूप में हुआ है | एक तरह से देखा जाये तो तुलसी में भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज पाये जाते हैं | तुलसी के उपयोय के बारे में आयुर्वेद में विस्तृत उल्लेख है | लेकिन आज यहाँ फेफड़े के लिए बात कर रहे हैं | प्रतिदिन तुलसी के पत्ते का सेवन करने से रक्त साफ होता है |

Healthy Lungs Foods 

विटामिन C युक्त आहार - नीबू , संतरा, टमाटर, कीवी , अंगूर, अनानस जैसे खट्टे फल आदि | विटामिन " C " उक्त आहार या फल का सेवन करने से आपके शरीर में एकत्रित जहरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं | 
अडूसा - ऐसे 'वसा पौधे' के नाम से भी जाना जा जाता है | इस पौधे का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है | इसकी पत्तियों में अलकोलाइड, सैपोनिन, टैनिन , फिनोलिक्‍स, फ्लैवोनोइड्स जैसे फाइटो-केमिकल्स की प्रचुर मात्रा है। जिसका सेवन करके फेफड़ों को स्वस्थ ( Healthy ) रखा जा सकता है | इसके सेवन से सर्दी-जुकाम, बुखार, गठिया, एनिमिया से भी छुटकारा पाया जा सकता है| 
लहसुन - लहसुन में  एंटीऑक्सीडेंट गुड़ होते है | जो फेफड़ों में उत्पन्न होने वाले कफ को साफ करने में मदद करते हैं | यदि खाना खाने के बाद लहुसन को खाया जाये तो छाती में जमने वाली कफ से छुटकारा पाया जा सकता है | 
  
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प्याज के अनोखे गुण : जानिए आपकी रसोई के घरेलु उपचार


लाइकोपेन युक्त आहार - इस तरह आहार में  कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सीडेंट होता है | कैरोटिनॉयड एंटीऑक्सीडेंट आस्थमा से बचाने में सहायक होता है | जैसे टमाटर, गाजर, तरबूज, पपीता, शकरकंद और हरी सब्जियां।
मुनक्का का सेवन - रोजाना भिगे हुए मुनक्का का सेवन करने से भी फेफड़े मजबूत होते हैं और बीमारियों से लड़ने की उनकी क्षमता बढ़ती है।
फेफड़े यानी लंग्स हमारे शरीर का अहम् हिस्सा है | इनको स्वस्थ रखकर ही हम स्वस्थ रह सकते है | फेफड़ों का स्वस्थ रहना हमारे खानपान पर निर्भर करता है | सही खानपान से आप लम्बी उम्र और निरोगी काया पा सकते हैं | 

Apr 29, 2021

रात के समय नीम कौन सी गैस छोड़ता है? नीम बेनिफिट्स

" नीम एक और गुण अनेक " वाली कहावत तो आपने सुनी होगी | नीम घरेलु औषद्धि के रूप उपयोग होने वाला रामबाण है | शरीर में चर्म रोग ( charm rog ka ilaj )  के आलावा इसके छाल और पत्ते से कई तरह के रोगों को दूर ( neem ke fayde in hindi ) किया जाता है | आज इस पोस्ट में आपको  नीम से निकलने वाली गैस के बारे में बताने  वाले हैं  | हमारे पाठकों द्वारा कई बार इस तरह का सवाल पूछा  गया है | खास कर पाठकों के द्वारा पूछा गया कि , नीम रात  समय कौनसी गैस छोड़ता है ? ( Rat ke samay Neem kaunsi Gas Chhodta hai ?  ) इस पोस्ट में  नीम के द्वारा रात दिन छोड़ी जाने वाली गैस और नीम के उपयोग और लाभ के बारे में भी चर्चा करेगें | 

neem ke ped ke fayade kya hain rat ke samay neem kaunsi gas chhodata hai
neem ka ped

नीम से रात के समय कौनसी गैस निकलती है ?

कई बार पाठकों के द्वारा पूछा गया, कि नीम रात के समय कौनसी गैस देता है? पाठकों के पूछने पर हमने पोस्ट के लिए जानकारी इकट्ठी की, तो जानकारी हैरान कर देने और चौकाने वाली थी | इंटरनेट और आयुर्वेद के जानकारों से बात कर मालूम हुआ, कि दिन के समय नीम ऑक्सीजन ( प्राण-वायु ) और रात के समय कार्बनडाई-ऑक्साइड गैस छोड़ता है | 

क्या नीम के नीचे रात के समय सोना चाहिए ? 

हरियाली का मानव जीवन में बहुत महत्त्व है|  हरे पेड़ पौधे ऑक्सीजन तो देते ही हैं, साथ ही घरों की सोभा भी बढ़ाते हैं | ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में नीम का पेड़ अक्सर देखने को मिल जाता है | जहाँ रात के समय लोग नीम पेड़ के नीचे सो जाते है | जैसा की आपको पता है, नीम रात के समय कार्बनडाई-ऑक्साइड गैस छोड़ता है, जो हमारे स्वस्थ  लिए हानिकारक है | अतः रात के समय नीम के पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए | 

नीम का उपयोग वास्तु दोष मैं 

नीम का उपयोग  चिकित्सा के लिए तो किया जाता ही है , साथ ही आपको बतादें की नीम का पौधा घर पर लगाना भी शुभ माना जाता है | नीम के पेड़ में देवी और देवताओं का वास माना जाता है | इसकी  पूजा करने से शनि की कुद्रष्टि से बचा जा सकता है | नीम के पेड़  की पूजा करने और नीम की माला पहने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है | पुराणों के अनुशार नीम के पौधे का उपयोग चिकित्सा के लिए युगों-युगों से किया जाता रहा है | इस पौधे पर  बजरंगवली और माँ दुर्गा का वास भी माना जाता है |
    वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के दक्षिण भाग में नीम का पेड़ लगाने से , स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव होता है। नीम के पेड़ पर दैवी शक्तियों का वास माना जाता है। नीम के पौधे लगाने से पितरों की भी कृपा प्राप्त होती है, इससे पितृ दोष का प्रभाव दूर होता है 

नीम का उपयोग चिकित्सा में - 

नीम का उपयोग त्वचा के लिए 

 नीम का औषधि के रूप में उपयोग बहुत ही फायदेमंद है | नीम के फल , फूल , छाल और पत्तियाँ सभी औषद्धिक रूप में उपयोग किये जाते हैं |  त्वचा संबंधित बिकार के लिए  नीम की पत्तियों को गरम पानी में उबालकर नहाने से त्वचा से सम्बंधित रोगों में राहत मिलती है | 

यह भी पढ़े - 

खून साफ करने में 

मनुष्य के खून में कई तरह के विकार उत्पन्न होने के बाद, कई तरह की बीमारी पैदा होती हैं |  रक्त साफ करने के लिए नीम की हरी नई पत्तियों का रस निकाल कर पीने से रक्त साफ़ होता है | 

        नीम का उपयोग कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है | नीम तेल और चाल से कुष्ठ रोगो का इलाज किया जाता है | दूसरी तरफ नीम की पत्तियों से मुंहासे ( Pimples ) को ख़त्म किया जा सकता है | 

Jun 21, 2020

Covid 19 medicine Favipiravir : क्या कोरोना वायरस का इलाज Glenmark की Febiflu से होना सम्भव........

Glenmark  Pharmaceutical की Favipiravir Medicine 
Covid 19 की दवा Favipiravir Medicine से ईलाज 
फेबिफ्लू दवा कीमत मात्र 103 रूपये ( Febiflu Medicine price 103 )

विश्व फैला कोरोना वायरस संक्रमण अब तक लाखों लोगों की जान ले चुका है | आपको बतादें की चीनी वायरस, चीन ही नहीं अपितु पुरे विश्व को अपनी चपेट में ले चुका है | दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं है, जहाँ Corona Virus का संक्रमण न फैला हो | हर एक देश CoronaVirus के संक्रमण को तोड़ने के लिए हर सम्भव प्रयास करने की कोशिस कर रहा है | अभी तक दुनिया में किसी भी देश के पास Coronavirus की Vaccine नहीं है | संक्रमण से निजात पाने के लिए सभी देशों सरकारों के द्वारा Covid 19 Vaccine की खोज पर लगातार रिसर्च किये जा रहे हैं | लेकिन अभी तक किसी भी देश को Coronavirus की Vaccine खोजने में सफलता नहीं मिली है|
Covid 19 medicine Fevipiravir Febiflue
Glenmark,s Medicine Favipiravir 

कोरोना वायरस के संक्रमण के मरीजों में संक्रमण की रफ़्तार रोकने के लिए Glenmark Pharmaceuticals ने एंटीवायरल दवा को बाज़ार में लांच कर दिया है | Glenmark Pharmaceutical की दवा ( medicine ) Favipiravir को भारतीय औषधि महानियांत्रिक ( DCGI ) की अनुमति के बाद febiflue medicine ब्रांड के नाम से बाजर में उपलब्ध कराया जा रहा है | 


  • प्लाज्मा थैरेपी कोरोना राक्षस को मारने का रामबाण ईलाज

  • क्या है Favipiravir Medicine ? 

    Favipiravir Medicine को भारत में Febiflu के नाम से Corona Virus की रोकथाम के लिए प्रयोग की जाएगी | दरसल आपको बतादें की फेविपिरवीर दवा ( Favipiravir Medicine ) चीन और जापान जैसे पूर्वी देशों में इन्फ्लूएंजा के मरीजों को एंटीवायरल दवा के रूप में पहले से दी जाती है | कुछ रिपोर्ट के मुताबिक Favipirvir medicine का उपयोग अन्य वायरल संक्रमण के ईलाज के लिए भी किया जाता है | Coronavirus स्टडी में इस दवा केअसर का खुलासा होने के बाद दाबा किया जा रहा है, कि Favipiravir Medicine से Coronavirus का इलाज संभव हो सकता है | आइये जानते हैं Favipiravir दवा कैसे काम करती है ?

    कैसे काम करती है?  Favipiravir दवा 

    what is Covid 19 medicine Favipiravir price and farmula
    Febiflu Tavlets 200 mg price
    चीन में Coronavirus के दौरान फरबरी के महीने में इस दवा को लेकर लगातार शोध किये जाने की खबरें सामने आ रही थीं | कुछ विशेषज्ञों के द्वारा शोध के दौरान Favipiravir दवा अन्य दवाओं की अपेक्षा संक्रमण की रोकधाम में तेजी से असर कारक दिखी | संक्रमण से प्रभावित लोगों के सिटीस्कैन में भी काफी सुधार दिखे साथ ही लोगों को भी लगा की कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होते दिख रहे हैं | 

    कोरोना वायरस का कैसे किया जायेगा ईलाज ?

    DCGI की अनुमति मिलने के बाद Febiflu नाम से भारत में लॉच होने वाली Favipiravir दवा के ईलाज को लेकर लगातार काम किया जा रहा है |  DCGI की ओर से फेबिफ्लू दवा ( febiflue medicine ) 14 दिन के कोर्स को कहा गया है | मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक Febiflu दवा परिक्षण के लिए पहले 1000 Covid 19 मरीजों की स्थिति पर निगरानी की जाएगी | देश के 10 प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों में रोगियों के परिक्षण का आयोजन कर सकता है | 

    संक्रमण की दवा फेबिफ्लू की कीमत क्या है ?

    विषाणु रोधी दावा Fevipiravir Medicine को लेकर देश भर में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है | देश में कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के लिए ग्लेनमार्क कंपनी के द्वारा लॉच फेबिफ्लू दवा  ( febiflue medicine )  नाम से इस दवा को लेकर नई-नई बातें सामने आ रही हैं | आपकी जानकारी के लिए बतादें की febiflue medicine से उन लोगों का इलाज संभव है जो मामूली संक्रमण से परेशान हैं | वहीँ इस दवा की प्राइस के बारे में बात करें तो Febiflue की एक टेबलेट की कीमत 103 रुपये हो सकती है | कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक Febiflue दवा को भारत में बेचने की अनुमति DCGI के द्वारा दी जा चुकी है | 

    Jun 4, 2020

    Sweet lime juice benefits जानिए मौसमी विटामिन और मिनरल से भरपूर

    स्वाद , विटामिन और मिनरल से भरपूर मौसमी ( Sweet Lime ) को आप बेहद पसंद करते होंगे | क्यों भी न करें क्योंकि इसका जूस और फल दोनों ही बहुत ही स्वादिष्ट जो होते है | मौसमी में भरपूर मात्र में विटामिन सी ( vitamin C ) और फाइबर होता है, जो आपकी सेहत को दुरुस्त रखता है | आज पोस्ट में आपको मौसमी के फायदे क्या है | और इसका जूस क्यों पीना चाहिए के बारे में बतायेंगें | 
         मौसमी उर्जा का अच्छा श्रोत है | मौसमी के बारे में बात करते ही कुछ खट्टा मीठा याद आ जाता है | क्योकिं मौसमी भी खट्टा-मीठा फल है |  सेहत के लिए मौसमी का खाना और मौसमी का जूस पीना दौनों ही फायदेमंद है | इसके गुण आपकी सेहत के साथ-साथ त्वचा और बालों ( Skin and hair ) का भी ख्याल रखते हैं | क्या है, मौसमी  के फायदे हैं?  आइये जानते हैं


    Image of mausami juice
     मौसमी का जूस 

    कैसे करें मौसमी का सेवन ( How to eat sweet lime )

    सेहत के गुणों से भरा मौसमी का फल पोषण और स्वाद से तो भरपूर है | मौसमी का सेवन खाने के आलावा जूस, जैम, आचार व कैंडी ( Juice, Jam Pickle and Candy ) आदि के रूप में सेवन किया जाता है | लेकिन इन सबमें मौसमी का जूस और फल खाना ज्यादा सेहत मंद माना जाता है | आइये जानते हैं | मौसमी के औषधिक गुण के बारे में ( Medicinal Properties of Sweet Lime )
    Mausami juice and fruits
    Maushami Juice


    मौसमी जूस और फल के क्या फायदे......
    ( What are the benefits of sweet lime juice and fruit ) 

    1. आपके पेट में यदि गैस की समस्या होती है मौसमी के सेवन से पेट में बनने वाली गैस ( Stomach Gas ) और भारीपन से छुटकारा पाया जा सकता है 
    1. मौसमी का सेवन रक्त को शुद्ध ( Purify blood )करने के साथ है दिल और लीवर में होने वाली परेशानियों से बचा सकता है | 
    1. मौसमी में पाए जाने वाले विटामिन और मिनरल ( Vitamins and Minerals ) कोलेस्ट्रोल और अति रक्तदाब ( Cholesterol and Hypertension ) को नियंत्रण करने में मदद करते हैं | 
    1. मौसमी के ज्यूस या फल का सेवन करने से त्वचा के रोगों ( Skin diseases ) के साथ ही रक्त का संचारू सुचारू रूप से करने व रक्त विकार की समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जा सकता है | 
    1. गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए मौसमी बहुत फायदेमंद और पोष्टिक है | इसमें पाये जाने वाले गुण बच्चे और माँ दोनो के लिए ही उपयोगी है | 
    1. बजन कम करने के लिए ( lose weight ) भी आप सुबह खाली पेट मौसमी का सेवन करें | इसमें मिलने वाला प्रचुर मात्रा में  ' विटामिन सी ' वजन को कम करने में मदद कर सकता है | 
    1. आँखों के लिए मौसमी के रस को फादेमंद बताया जाता है | खाने और जूस के लिए उपयोग के साथ ही आँखों में कुछ बूंदों को पानी में डालकर आँखों को धोने से आँखों को फायदा होता है | 
    1. पाचन शक्ति के मजूबत करने के लिए मौसमी फादेमंद है पाचन की समस्या ( Digestive problem ) होने पर अक्सर या जी मिचलाने पर मौसमी के सेवन की सलाह दी जाती है | 
    1. मौसमी में कैंसर विरोधी गुण पाए जाते हैं | मौसमी में मौजूद डी-लिमोनेन एंटी कैंसर गुण होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है | मौसमी का सेवन कुछ हदतक कैंसर की बीमारी से बचा सकता है | 
    1. इस सब के साथ ही मौसमी सर के बालों की समस्या जैसे डैंड्रफ के साथ ही त्वचा सम्बन्धी विकार जैसे त्वचा का रूखापन से छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकती है |  

    मौसमी में पाए जाने वाले विटामिन और मिनरल ( Vitamins and Minerals ) आपकी सेहत के लिए कितने उपयोगी है | आप यह जानना चाहते हैं इससे पहले आपको बतादें की मौसमी में विटामिन और मिनरल उचित मात्रा में पाए जाते हैं | मौसमी का सेवन सर्वाधिक गर्मियों में किया जाता है | आइये जानते है, मौसमी के कुछ गुण ...

    Apr 8, 2020

    बीमारियों से लड़ने के लिए, कैसे बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता?

    हमारा शरीर बाहरी जीवाणु के हमले झेलता रहता है | कई वायरस आपके जीवन शेली पर प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं | इन्ही वायरस के आक्रमण की वजह से आप बीमारी का शिकार हो जाते हैं |  वायरस के आक्रमण और रोगों से आपको दूर रखने के लिए आपकी  रोग प्रतिरोधक क्षमता आपका साथ देती है | जो आपको बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है | 
    gharelu upay

    फ़िलहाल देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है| ऐसे में आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए कुछ उपाय बताये है | आयुष मंत्रालय से स्पष्ट किया है | कि ये केवल रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए है | नाकि की किसी रोग की दवा | आयुष मंत्रालय के द्वारा कुछ साधारण से उपाय करके रोगों से बचा जा सकता है | 

    रोग प्रतिरोधक बढाने के घरेलु उपाय 

    • प्रतिदिन सुबह उठकर प्राणायाम करे| सुबह प्राणायाम करने से आपकी Immunity power बढ़ती है | 
    • आपके शरीर को एनर्जी देने के लिए और रोगों से बचने के लिए सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं 
    •  दिन में गर्म पानी पियें, अगर आप चाय के शौक़ीन हैं तो हर्वल चाय पियें|
    • अदरक,तुलसी,नीबू के जूस का काढ़ा और काली मिर्च का सेवन करें|
    • हल्दी हर मर्ज की दवा है| हल्दी दूध को गर्म कर दिन में एक बार पियें |
    • रात को सोने से पहले नाक में घी लगायें | घी की सुगंद आपके दिमाग को हल्का करती है|  
    • यदि आपको खांसी या गले में ख़राब की समस्या है तो आपको लोंग के पाउडर को शहद में मिलाकर खाएं या अजवाइन के पानी की भाप लें | 

    Jan 6, 2018

    नीम से होगी कैंसर की रोकथाम व इलाज

    कैंसर ऐसी बीमारी है। प्रति 50 व्यक्ति में से एक व्यक्ति को होना आम बात है। कैंसर जैसी भयानक बीमारी को समय रहते रोका नहीं गया तो यह पीड़ित व्यक्ति की जान तक ले लेती है। कैंसर जैसी भयानक बीमारी 

    Cancer ka ilaaj neem se


    का शुरुआती समय मे इलाज होना बहुत जरूरी है। पहले इसका इलाज संभव नही था। परंतु अब शुरुआत में ही इसका इलाज कराने से इसको मात दी जा सकती है। कैंसर का जैसे ही पता चले तुरन्त कैंसर स्पेशलिस्ट से सलाह लें।

            नीम की पत्तियों से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी का इलाज भी हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार नीम की पत्ती और सिल्वर के कणों को मिलाकर नेनोपार्टिकल तैयार कर इलाज किया जा सकता है।इन नेनो पार्टिकल को 11 दिन तक फ़र्टिलाइज़र अंडो में रखा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके प्रयोग तीन दिन बाद करने से परिणाम  सकारात्मक आये। शोधकर्ताओं ने बताया यह नई रक्तनकोशिक़ों को बनाने से रोकता है ।इससे केंसर के सॉलिड ट्यूमर में ब्लड की सप्लाई होने पर रोक लगाने में मदद मिलती है।  शुरुआती समय मे इसके सफलता मिलने में बाद अब दूसरे चरण पर प्रयोग करने की तैयारी है।
           अगर यह प्रयोग सफल रहा तो यह अपने आप मे एक बड़ी खोज साबित होगा

    Apr 11, 2017

    Musk milan

    क्या है खरबूज ?  (  what is musk milan ? )
    खरबूजे की खेती भारत के कई राज्य उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश , राजस्थान , बिहार आदि रेतीली भूमि में  में उगाया जाता है। गर्मी के दिनों में खरबूजे की खेती की जाती है। यह कई रंग में होता है जैसे हल्का लाल ,  हल्का गुलाबी , सफ़ेद रंग  इन दिनों खरबूजे की डिमांड अधिक रहती है क्योंकि खरबूजा स्वाद का खजाना होता है साथ  ही उसमे मिनरल भी होता है
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    kharbuja
    जो हमारे स्वस्थ के लिए लाभदायक है। मिनरल होने से यह शरीर में पानी की पूर्ति करता है और कई तरह की बीमारियों से बचाता है। खरबूजा को कई तरह से खाया जाता है जैसे डाइट ज्यूस , या छिलके निकालकर पीस के रूप में।
        आइये आपको हम खरबूजे के  अंदर छिपे कुछ गुणों के बारे में बताते हैं।
     
    जानें तरबूजे के गुण

    1. खरबूजा के सेवन से दिल के रोग जैसी भयानक बीमारी से बचा जा सकता है। 
    2. यह हमारे शरीर में पानी की आपूर्ति व शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है।
    3. खरबूजे के सेवन से शरीर का बजन भी कम होता है। साथ ही मूत्र विकार में भी लाभ होता है।
    4. ख़रबूज़े के सेवन से किडनी स्वस्थ रहती है। तथा त्वचा सम्बन्धी रोग की रोकथाम रहती है।
    5. इसके प्रतिदिन खाने से पाचन क्रिया भी सही तरह से काम करता है।
    6. यह आस्थमा जैसी बिमारी को भी कंट्रोल करता है।
    7. आखों की रोशनी बढ़ने में लाभ प्रद है।

    Apr 8, 2017

    तरबूज

    गर्मियों के दिनों तरबूज मार्केट में अधिक मात्र में मिलता है। मार्केट में तरबूज की कई वैराइटी मिल जाती है। ऊपर से हरा व मोटी चमड़ी के रूप में दिखने वाला फल अंदर लाल मुलायम होता है । तरबूज में बहुत अधिक मात्रा में पानी होता है जो हमारे शरीर के लिए अधिक फायदेमन्द है। अगर माना जाए तो तरबूज गुणों की खान है आये यहाँ हम तरबूज में पाये जाने वाले गुणों के बारे में जानते हैं।

    1. यदि आप हृदय रोगों से परेशान हैं तो तरबूज आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हृदय सम्बन्धित रोगों को रोकने में अत्यंत गुणकारी है।
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    2. तरबूज में विटामिन होता है जिससे हमारे में इम्यून सिस्टम सही रहता है।
    3. तरबूज खाने से शरीर में पानी की आपूर्ति होती है जिससे शरीर ठंडा रहता है।
    4. इसके खाने से दिमाग शान्त रहता है।
    5. तरबूज का प्रतिदिन सेवन करने कब्ज से छुटकारा मिलता है। और हमारा स्वस्थ ठीक रहता है।
    6. प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा में निखार भी आता है और हमारी त्वचा चमकने लगती है।
    7. यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है। इससे आँतो को चिकनाई मिलती है।
    8. पेशाब सम्बंधित बीमारियों में भी तरबूज फायदेमंद है।
    9. तरबूज में विटामिन ए, बी, सी पाया जाता है जो रक्त को शुद्ध करता है।


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    In english

    Over the summer melon market is just get in. Many of the watermelon market gets Variety. The fruit appears as beat up and thick skin is red inside soft. Water in large amounts in watermelon which is more beneficial for our body. If you come to be considered is the watermelon properties Khan here we are aware of the qualities found in watermelon. 

    1. If you are suffering from heart diseases melon may prove beneficial for you. Heart is extremely beneficial in preventing related diseases.

    2. vitamin in watermelon which remains true immune system in our. 
    3. The body of eating watermelon is water, which keeps the body cool. 
    4. remains calm mind its food. 
    5. Taking a day of watermelon to get rid of constipation. And our health is fine. 
    6. improve by taking day comes and takes our skin glow. 
    7. It reduces the level of cholesterol. It gives smoothness to Aanto. 
    8. urine is beneficial watermelon related diseases. 

    • 9. Watermelon is found in vitamins A, B, C which purifies the blood.

    Apr 5, 2016

    Joint Pain : घरेलु उपचार क्या है ?

    बढती उम्र के साथ साथ लोगों में जोड़ों का दर्द आम बात है । जोड़ों के दर्द के कारण वृद्धजनो को थोड़ी दूर तक टहलने सीढ़ियां चढ़ाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वैसे तो जोड़ों का दर्द ढलती उम्र में ही बढता है परन्तु कुछ बीमारियों के कारण भी कम उम्र के महिला व पुरुषों में भी हो सकता है         आज हम अपने ब्लॉग के माध्यम व अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर यहाँ कुछ देशी  ( घरेलु उपाय) नुस्खे बताएँगे। जिससे जोड़ों के दर्द से ग्रषित लोगों को निजात मिल सके।
          भारत में किये गए सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुशार लगभग 99 प्रतिशत वृद्धों में जोड़ों के दर्द की शिकायत है


    1. लगभग 8-10 लहसुन की कली को तेल या घी में तल लें और खाना खाने सेपहले उसे चबाएं। इससे जोड़ों के दर्द से तुरंत आराम मिलता है।
    2. आंकडा के ताजी पत्तियों पर सरसों का तेल के साथ लेप तैयार कर लें। इस लेप को हल्का गर्म कर दर्द वाली जगह पर लगाने से भी आराम मिलता है.
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    3. दालचीनी का 2 ग्राम का चूर्ण एक कप पानी में मिलाकर रोजाना सुबह पिएं। इससे जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है।
       
    4. बरसात के दिनों में इंद्रावन के फल का गूदा, नमक और आजवाइन के मिश्रण का सेवन न सिर्फ जोड़ों के दर्द से मुक्ति दिलाता है, बल्कि यह आर्थरायटिस में भी शरीर को काफी लाभ पहुंचाता है।

    5.अनंतवेल के पत्तों की चाय पीते रहने से भी जॉइंट पेन से दूर रह सकते है।
          अनंतबेल की एक ग्राम जड़ लगभग एक कप चाय के लिए काफी है। अगर दिन में दो बार इसका सेवन किया जाए तो जोड़ों के दर्द से तुरंत निजात मिल जाती है।

    6. हरी घास, अदरक, दालचीनी और लोंग की समान मात्रा को मिश्रित कर इसकी गोलीयां बनाएं । इस गोली का नियमित सेवन करें और इसके साथ कम से कम 5 मिली पानी पीने पियें यह प्रकिया अगर लगातार एक महीने तक आजमाई जाए तो जोड़ों का दर्द खत्म हो जाता है।

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